प्रोटोन थेरेपी से दोबारा कैंसर की सिकाई संभव – डॉ पुनीता लाल
सटीक जांच से सटीक दवाई – प्रो नुजहत हुसैन
NEWS- रेडियोथेरेपी और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के 34 वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समाहरोह का आरंभ प्रोफेसर एमएलबी भट्ट के स्वागत भाषण के द्वारा हुआ। स्थापना दिवस कार्यक्रम में दो ओरेशन तथा मुँह और गले के कैंसर पर CME का आयोजन किया गया।
डॉ एसएस सरकार में डॉक्टर चरणजीत सिंह ने बताया कि कैंसर के संपूर्ण फैलाव को PET स्कैन के द्वारा देखा जा सकता है। यह जाँच रोगी के उपचार निर्धारण में अत्यंत सहायक है।
प्रोफेसर जी एन अग्रवाल को संबोधित करते हुए डॉक्टर सपना नांगिया ने बताया कि अत्याधुनिक प्रोटोन रेडियोथेरेपी के द्वारा मुँह के सूखापन,छाले,फाइब्रोसिस तथा अन्य दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की पूर्व निदेशक तथा पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ नुजहत हुसैन ने अपने व्याख्यान में बताया कि वर्तमान युग में कैंसर का निदान में पैथोलॉजी में अभूतपूर्व विकास हुआ है। यह समय मौलिक मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी जांच का है। इससे रोगी को सटीक दवा देने में सहायता मिलती है।
प्रोफेसर नुजहत हुसैन द्वारा पैथोलॉजी के विभिन्न प्रकार के index की जानकारी दी गई। प्रोफेसर पुनीता लाल ने अपने व्याख्यान में बताया कि कैंसर के रोगी में proton, stereotactic विधि द्वारा दूसरी बार भी रेडिएशन दिया जा सकता है। यदि रेडिएशन दोबारा संभव ना हो तो रोगी को बेस्ट palliative केयर का विकल्प देना चाहिए। डॉ हर्षवर्धन आत्रे द्वारा और गले के कैंसर में टारगेटेड थेरेपी के द्वारा उपचार पर जोर दिया गया रेडियोथैरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजीव गुप्ता ने बताया कि उत्तर भारत में मुंह और गले का कैंसर एक महत्वपूर्ण कैंसर है यदि रोगी समय पर आते हैं तो पूर्ण रूप से ठीक होकर जा सकते हैं। प्रोफेसर नीरा कोहली द्वारा बताया गया कि कोविड-19 के इस संकट काल में रेजीडेंट कर्मचारी तथा संकाय सदस्य साथ में मिलकर निरंतर सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
माननीय कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने अपने संदेश में कहा कि रेडियोथेरेपी और रेडियोडायग्नोसिस विभाग कोविड-19 के lockdown में भी लगातार अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे। उन्होंने दोनों orators को हार्दिक शुभकामनाएं दी तथा विभाग के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों विभाग चिकित्सा सेवा देने के साथ-साथ पठन-पाठन तथा शोध कार्य भी कर रहे हैं।
समारोह में दोनों विभाग के संकाय सदस्य उपस्थित रहे। स्मरह का समापन प्रो एन के पैनुली के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।