रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि 5000 से ज्यादा पुराने नोट जमा करने पर कस्टमर्स से बैंक अधिकारी पूछताछ नहीं करेंगे। हालांकि, ऐसा उन कस्टमर्स के साथ होगा जिनकी केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रोसेस पूरी हो गई है। बता दें कि 19 दिसंबर को आरबीआई ने कहा था कि 5000 से ज्यादा के पुराने नोट जमा करने पर कस्टमर्स से दो बैंक अधिकारी सवाल पूछेंगे कि अब तक रकम क्यों नहीं जमा की? जवाब से संतुष्ट होने पर कस्टमर रकम जमा कर पाएगा। लेकिन, 2 दिन के भीतर ही आरबीआई ने इस फैसले पर यू-टर्न ले लिया है।
नए नोटिफिकेशन में भी केवाईसीनॉर्म्स पूरे करने की शर्त है –
आरबीआई ने कहा कि केवाईसी कस्टमर्स कितनी भी बार 5000 से ज्यादा पुराने नोट जमा करें उनसे पूछताछ नहीं की जाएगी। इससे पहले अरुण जेटली भी ऐसा ही कह चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद बैंकों में कस्टमर्स से पूछताछ की जा रही थी। अरुण जेटली ने मंगलवार को अपने बयान में ये भी कहा था कि अगर बार-बार बैंक में नोट जमा करने जाएंगे तो इससे शक पैदा होगा। हालांकि, जिन कस्टमर्स का केवाईसी नहीं हुआ है, उनके साथ सख्त कंडीशन 19 दिसंबर के आदेश जैसी ही रहेगी। नए नोटिफिकेशन में भी केवाईसीनॉर्म्स पूरे करने की शर्त है।
सोमवार को सरकार ने कहा था कि पांच हजार से ज्यादा के पुराने नोट 30 दिसंबर तक जमा कराने पर सवाल पूछे जाएंगे। ये भी पूछा जाएगा कि अब तक ये नोट क्यों जमा नहीं कराए गए? कुछ लोगों की शिकायत थी कि सरकार ने पहले तो कहा कि नोट डिपॉजिट में जल्दबाजी न करें क्योंकि 30 दिसंबर तक ये काम किया जा सकता है। आप प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाय) 2016 के तहत कितनी भी रकम डिक्लेयर कर सकते हैं। नए फैसले से इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।