लखनऊ। पीजीआई के सीएमएस व इण्डोक्राइनोलॉजिस्ट प्रो.अमित अग्रवाल को इंडियन थायराइड सोसायटी का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। यह घोषणा बीते सप्ताह बंगलुरू में आयोजित एक कार्यक्रम में की गयी। इण्डोक्राइनोलॉजिस्ट विशेषज्ञ प्रो. अग्रवाल बताते हैं कि थायराइड की समस्या बच्चो से लेकर बड़ों में होती है। यह घेंघा रोग से लेकर जानलेवा कैंसर तक हो सकती है। लोगों में थायराइड के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। थायराइड के उपचार में इंडोक्राइन सर्जन, इण्डोक्राइनोलॉजिस्ट के साथ ही न्यूक्लीयर मेडिसिन के डॉक्टरों की भूमिका अहम होती हैं। तीनों विशेषज्ञों के आपसी सामांजस्य से इलाज की दिशा आसान होगी। पीजीआई ने थायराइड कैंसर के नमूनों में आनुवंशिक शोध किया है, जिसमें देखा जायेगा कि कैंसर में क्या आनुवंशिक दोष मौजूद हैं। यह शोध इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित हो चुका है। इससे रोगियों के लिए नए उपचार में मदद मिलेगी।
इंडियन थायराइड सोसायटी का अध्यक्ष प्रो. अमित अग्रवाल बताते हैं कि गर्दन और कंधे में कोई भी गांठ या सूजन होने पर एक साधारण खून की जांच और बायोप्सी कराये। थाइरायड की पुष्टि होने पर इण्डोक्राइनोलॉजिस्ट की सलाह लें। इसका इलाज संभव है। यहां तक कैंसर थायराइड ट्यूटर का भी इलाज मुमकिन है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड होने की संभावना पांच से 10 गुना ज्यादा होती है, जिसकी वजह से महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा होने की संभावना होती है। थायराइड ट्यूमर का इलाज एंडोस्कोपिक या रोबोटिक सर्जरी द्वारा संभव है। इसमें गर्दन के सामने कोई निशान नही बनता है।
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