लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीनमेरी हास्पिटल की विशेषज्ञ डॉक्टरों को लैप्रोस्कोप तकनीक से गर्भाशय के कैंसर का इलाज करने में सफलता मिल गयी है। इस तकनीक के प्रयोग से कैंसरग्रस्त यूट्रस, ओवरी, ट्यूब और लिम्फ ग्लैंड को सर्जरी कर निकाल सकते है। उनका कहना है कि निकाले गए अंगों की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही लाइन आफ ट्रीटमेंट निर्धारित होगा। इस तक नीक से सर्जरी कर शनिवार को मरीज डिस्चार्ज किया गया।
लखनऊ की 40 वर्षीय महिला को ब्लीडिंग की समस्या हुई तो स्थानीय डॉक्टरों को दिखा कर दवा लेने लगी। कोई फायदा नहीं होने पर जांच कराई, जांच में कैंसर की पुष्टि होने पर डॉक्टरों ने मरीज को क्वीनमेरी रेफर कर दिया। मरीज का यहां डॉ. निशा सिंह के तहत इलाज शुरू हुआ। डॉ. निशा का कहना है कि जांच में यूट्रस के मायोमेट्रियम वॉल तक कैंसर होने की पुष्टि होने पर सर्जरी कराने का परामर्श दिया गया।
परिजनों से बातचीत करने के बाद लैप्रोस्कोप तकनीक से सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। डा. निशा ने बताया कि पेट में नाभि के पास तीन सुराख करके दूरबीन व दूसरे उपकरण की सहायता से सर्जरी की गयी। लगभग तीन घंटे सर्जरी चली। इसमें बच्चेदानी , दोनों तरफ की ओवरी, ट्यूब्स, और पैल्विश के पास लिम्फ ग्लैंड को निकाल दिया है। डॉ. निशा ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज की तबीयत में सुधार हो रहा है। मरीज को छुट्टी दे दी गयी है। सर्जरी में एनस्थीसिया विभाग के डॉ. एहसान सिद्दकी, स्त्री रोग विभाग की डॉ. कामायनी यादव व डॉ. अपर्णा झा ने सहयोग सराहनीय रहा।