जिला स्तरीय चिकित्सा अधिकारियों ने किया निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण
लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने राजधानी के पांच निजी अस्पतालों पर आैचक छापेमारी शुक्रवार को की। लगभग सभी पांचो निजी अस्पतालों में बड़ी खामियां मिली। तमाम निर्देशों के बाद भी इन निजी अस्पतालों में बिना विशेषज्ञ डाक्टरों के मरीजों को भर्ती करके इलाज ही नही सर्जरी की गयी थी। यही नहीं बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में गंभीर खामियां पकड़ी गयी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी.सिंह के निर्देश पर शुक्रवार को नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. ए.पी.सिंह तथा उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के. डी. मिश्रा की टीम ने द यूनिक हॉस्पिटल, बालागंज अस्पताल, स्टार हॉस्पिटल, मेडलाइफ हॉस्पिटल तथा ऑक्सीजन हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया।
नोडल अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान बालागंज अस्पताल को छोड़कर किसी भी अस्पताल में कोई भी पूर्णकालिक डाक्टर मौजूद नहीं मिला । यही नही किसी भी हॉस्पिटल में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की कोई उचित व्यवस्था नहीं मिली। जो कि गंभीर गड़बड़ी है। इसके अलावा द यूनिक हॉस्पिटल में डेंगू मरीज का इलाज मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा था। इसी प्रकार इलाज में कई गड़बड़ी देखी गयी।
बालागंज अस्पताल में मरीजों के अभिलेख पूरे नहीं थे तथा फार्मेसी पर कोई भी पंजीकृत फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था। डाक्टर के लिखे पर्चो पर मरीजों को दवा तैनात कर्मचारी बांट रहा था। स्टार हॉस्पिटल में जीएनएम की प्रशिक्षु कार्यरत थी आैर इलाज कर रही थी।
मेडलाइफ हॉस्पिटल में एचआईवी रोगी के जैव अपशिष्ट का निस्तारण सही नहीं था, जिसके कारण संक्रमण फैलने की संभावना बनी थी। वहीं ऑक्सीजन हॉस्पिटल में रैंप अत्यंत फिसलनयुक्त था, जिस पर तेजी से चलने पर मरीज या तीमारदार गिर सकता था। जिसमें सुधार की आवश्यकता है। आैचक निरीक्षण करने गयी टीम ने गड़बड़ी को देखते हुए सभी अस्पतालों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जिसका स्पष्टीकरण मिलने का बाद उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।