लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में दो वर्ष से कार्यपरिषद अधूरी है। राज्यपाल ने जहां नामित सदस्यों पर मुहर लगा दी है। फिर भी अभी तक सदस्य अभी तक शामिल नहीं किए गए। ऐसे में अब चार अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक को लेकर आवाज उठने लगी है। केजीएमयू की कार्यपरिषद सबसे अधिक महत्व है, फिर भी दो वर्ष से इसके सदस्यों की संख्या पूरी नहीं की गई है। ऐसे में परिषद में लिए गए फैसलों पर सवाल खड़े किए गए। वहीं 24 अगस्त को अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने कार्यपरिषद अधूरी की शिकायत राज्यपाल से की थी।
ऐसे में राज्यपाल द्वारा नामित सदस्यों की संख्या पूरा होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में अधूरी कार्यपरिषद में लिए जा रहे तमाम फैसले विवादों में फंस रहे हैं। बावजूद, चार अक्टूबर को प्रस्तावित कार्यपरिषद मेें सदस्यों की संख्या पूरी किए बिना एजेंडे पास कराने की तैयारी है। इसको लेकर विरोध तेज हो गया है। कुलसचिव राजेश राय का कहना है कि राज्यपाल द्वारा नामित सदस्यों पर फैसला हो गया है। उन्हें कार्यपरिषद में शामिल कर लिया गया है। अभी यूनीवर्सिटी कोर्ट के सदस्य शामिल नहीं किए जा सके हैं।
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