राज्यकर्मियों का प्रदेश सरकार ने खत्म किया फैमिली भत्ता

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लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दिए जाने वाले स्वैच्छिक परिवार कल्याण प्रोत्साहन भत्ता (फैमिली भत्ता) समेत कुल छह भत्तों को बंद कर दिया है। सरकार के इस फैसले से राज्य के लाखों कर्मचारियों का अब अगस्त महीने से मिलने वाला वेतन कम हो जायेगा। इस निर्णय से कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। इस बारे में अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने आज को शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश के मुताबिक राज्यकर्मियों को दिए जा रहे द्विभाषी प्रोत्साहन भत्ता, कम्प्यूटर संचालन प्रोत्साहन भत्ता, स्नातकोत्तर भत्ता, कैश हैण्डलिंग भत्ता, परियोजना भत्ता (सिंचाई विभाग) के साथ ही फैमिली प्लानिंग के तहत दिया जाने वाले प्रोत्साहन भत्ते को सरकार ने अब प्रासंगिक नहीं माना है।
श्री मित्तल ने अपने आदेश में कहा है कि इस शासनादेश के बाद सम्बंधित छह भत्ते जो पूर्व में किसी भी शासनादेश द्वारा अनुमन्य किये गये हों, को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया गया है। इससे साफ है कि राज्यकर्मियों को अगस्त महीने का वेतन जो सितम्बर में देय होगा, उसमें इन भत्तों की राशि में कटौती हो जायेगी। ऐसे में राज्यकर्मियों का वेतन अब कम हो जायेगा।

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राज्य सरकार ने पूर्व में विभिन्न शासनादेशों के जरिए समय-समय पर सम्बंधित छह भत्तों को लागू किया गया था। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कर्मचारियों को फैमिली प्लानिंग (दो बच्चे होने पर) भत्ता है। इसे कर्मचारियों को अभी क्रमश: 250, 450 आैर 600 रुपये प्रतिमाह की दर वेतन में जोड़ कर दिया जा रहा है। राज्य में इस भत्ते को पाने वाले कर्मचारियों की संख्या ही लाखों में है। इस भत्ते के बंद होने से ही सरकार को हर महीने लाखों रुपये की बचत होगी। इसके अलावा सरकार के विभिन्न विभागों में हिन्दी आैर अंग्रेजी भाषा जानने आैर उसमें कार्य करने वाले कर्मचारियों को द्विभाषी प्रोत्साहन भत्ते के रूप में 70 रुपये महीने, कम्प्यूटर संचालन प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपये महीने, कैश हैण्डलिंग भत्ता भी 500 रुपये महीना तथा स्नातकोत्तर आैर परियोजना भत्ता राशि भी करीब 100-100 रुपये महीने कर्मचारी को दिया जाता है।

सरकार के इस फैसले का सचिवालय संघ ने विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष यादवेन्द्र मिश्र ने कहा है कि सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक भत्ते बढ़ाने के बजाए कर्मचारियों को पूर्व से मिल रहे भत्तों का खत्म करना कर्मचारी हितों पर कुठाराघात है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कर्मचारियों के फैमिली प्लानिग भत्ते को खत्म करने का विरोध किया है। उन्होंने कहा पहले सरकार ने कर्मचारियों को फैमिली प्लानिग करने को कहा। यह भत्ता बीते ढ़ाई दशक से कर्मचारियों को दिया जा रहा था। इसे खत्म नहीं किया जाना चाहिए। इसका विरोध किया जायेगा।

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