लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में शुरू हुआ आई बैंक के माध्यम से नयी दृष्टि आ रही है, जो कि भविष्य में आनंद देगी। यहां पर केजीएमयू, साईटलाइट , द हांस फाउडेंशन आैर सीतापुर आई हॉस्पिटल ट्रस्ट का अनोखा संगम हुआ है। इस संगम से दुनिया न देख पाने वालों को भी सुंदरता देखने का मौका मिलेगा। यह बात राज्यपाल रामनाईक ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में केजीएमयू यूपी सामुदायिक नेत्र बैंक का शुभारंभ करते हुए कही। समारोह में कुलपति प्रो. रविकांत ने कहा कि यह प्रदेश का पहला आई बैक शुरु हुआ है। इसको सभी बड़े अस्पतालों से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर 1919 के साथ एकीकृत किया जाएगा। जो सभी पूछताछ को सीधे सामुदायिक बैंक से जोड़ेगा। इसके साथ ही यहंा पर अत्याधुनिक उपकरणों से प्रत्यारोपण किया जाएगा।
यह अंधता निवारण में कार्य कर रहा है –
राज्यपाल ने कहा कि आई बैंक की स्थापना करना बड़ा पुण्य का काम है। हमा चारों संस्थाओं का अभिनंदन करते है। दुनिया में सबसे ज्यादा दृष्टीहीन भारत में ही है। पहले मोतियाबिंद के आपरेशन करने में बहुत समय लगता था। अब यह आपरेशन पांच में मिनट में हो जाता है। यह योजना भविष्य में सबको बेहतर परिणाम देगी। केजीएमयू के कुलपति प्रो. रविकांत ने कहा कि ट्रामा सेंटर के पांचवे तल पर आईबैक का प्रारम्भिक विचार सीतापुर आई हास्पिटल से आया था। यह अंधता निवारण में कार्य कर रहा है। कार्नियल अंधता का आंकड़ा देखने के बाद यह निश्चय किया गया कि इस क्षेत्र में कार्य करने से मरीजों को मदद मिलेगी। इस उद्ेदश्य को पूरा करने के लिए साइट लाईट आैर द हांस फाउडेंशन की मदद मिली। उन्होंने कहा कि डा. अरून शर्मा का इसमें बहुत सहयोग है।
प्रदेश में केवल 650 कार्निया प्रत्यारोपण किये गये –
साईटलाईफ की ग्लोबल आफिसर श्रीमती क्लेयर बोनेलीया ने कहा कि यह स्वास्थ्य संगठन 2040 तक पूरी दुनिया से कार्नियल अंधता को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। यूपी की जनसंख्या अमरीका की आबादी की दो तिहाई है। अमरीका में पिछले वर्ष करीब 50 हजार प्रत्यारोपण हुए थे। प्रदेश में केवल 650 कार्निया प्रत्यारोपण किये गये। इस लिए आई बैंक के माध्यम से प्रदेश में कार्निया ट्रांसप्लंाट को बढाया जाऐगा। कार्यक्रम में ले. जन. एस एम मेहता सीईओ, द हंस फाउडेंशन ने कहा कि समर्थित स्वास्थ्य हस्तक्षेप का एक महत्वपूर्ण ंिहस्सा है। दृष्टि हीन को इलाज आैर सेवाएं प्रदान की जाती है। प्रदेश में यह पहला आई बैंक है जो कि राज्य में कॉर्नियल ब्लाइडनेंस के प्रतिक्षित मामलों को कम करने आैर नेत्रदान को लेकर जागरूक करता है।