लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में उन्नाव रेप पीड़िता के वेंटिलेटर पर लगातार भर्ती होने के बीच अचानक बुखार आने पर विशेषज्ञ डाक्टरों के माथे पर शिकन ला दी है। डाक्टरों ने दवा शुरू करने के बाद ब्लड की जांच करानी शुरू क रके कारणों की जांच करानी शुरू कर दी है। उनका मानना है कि बुखार आने के कई कारण हो सकते है। केजीएमयू प्रवक्ता डा. संदीप तिवारी का कहना है कि ब्लड का कल्चर जांच व अन्य कई जांच करायी गयी है, जो कि दो तीन में आएगी, तभी कुछ कहा जा सकता है।
रेपपीड़िता लगातार वेंटिलेटर पर ही भर्ती चल रही है। लगातार कोशिश के बाद भी शरीर खुद आक्सीजन सपोर्ट नहीं ले पा रहा है। डाक्टरों ने टैकियोस्टोमी करके भी देख लिया, लेकिन कोई सुधार नहीं आया। अचानक बुखार आने पर विशेषज्ञ डाक्टरों की चिंता बढ़ गयी है। डाक्टर लगातार रेप पीड़िता के बुखार पर खास तौर पर अब ध्यान दे रहे है कि वह एक जगह स्थिर है या फिर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों की राय में बुखार आना इस परिस्थिति में कई दिक्कतों की तरफ इशारा कर सकते है। फिलहाल विशेषज्ञों ने संदिग्ध बुखार मान कर इलाज करना भी शुरू कर दिया है।
अगर विशेषज्ञों की माने जाए तो वेंटिलेटर एवियेशन निमोनिया काफी कॉमन होता है। इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। अगर कहीं कोई संक्रमण होता है तो वह किस प्रकार कर संक्रमण होगा। यह ब्लड की कल्चर रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा। जांच रिपोर्ट के बाद ही लाइन ऑफ ट्रीटमेंट को विशेषज्ञों की मशविरा के बाद ही बढ़ाया जाता है। अगर देखा जाए तो कुछ दिन पहले की क्रिटकल केयर यूनिट को विशेषज्ञों ने विसंक्रमित किया था। इससे विशेषज्ञ किसी जटिल संक्रमण की संभावना को अभी नजरअंदाज कर रहे है।
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