लखनऊ। पाइल्स में खून आने की शिकायत रेक्टल कैंसर या अन्य कोई बीमारी भी हो सकती है, पर लोग विशेषज्ञ डाक्टर से जांच न झोलाछाप डाक्टर या बाजारू दवा का सेवन किया करते है, जबकि पाइल्स का इलाज आसान है आैर रेक्टल कैंसर पर शुरू में नियंत्रण किया जा सकता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग में चल रहे सर्जिकल क्लीनिकल अपडेट वीक सर्जन डा. अरशद ने दी। इसके अलावा अपडेट में डा. जिलेदार रावत, डा. अशोक कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ डाक्टरों ने भी विभिन्न प्रकार की बीमारियों की तकनीक की जानकारी दी।
डा. अरशद ने कहा कि पाइल्स एक सामान्य बीमारी है। शुरुआती दौर में तो दवाओं से भी इलाज सम्भव है। इसकी सर्जरी भी कई प्रकार की है, जिससे मरीज एक दो दिन में सामान्य दिन चर्या निपटाने लगता है। लोगों का मानना है कि सर्जरी के बाद मांसपेशियां ढीली हो जाती है, अब यह बीते जमाने की बात है। लोगों में भ्रमित है।
बिना सलाह बाजार की दवा लेने से बढ़ता है रेक्टल कैंसर
डा. अरशद ने बताया कि सबसे ज्यादा लोग पाइल्स में खून आने की शिकायत पर बाजार में बिकने आैर ठीक करने का दावा करने वाली दवा का सेवन करने लगते है। जो कि पाइल्स को एक या दो दिन में ठीक होने का दावा करते है। काफी लम्बे समय तक गलत इलाज के बाद रेक्टल कैंसर होने की पुष्टि होती है। अगर समय पर इलाज किया जाए तो कैंसर का इलाज भी आसान हो जाता है। डा. अरशद ने बताया कि ओपीडी में काफी संख्या में ऐसे मरीज आते है जोकि लम्बे समय से गलत इलाज करा रहे होते है।
पीजीआई के डा. अशोक कुमार ने आंतो में बनने वाले फिच्छुला का इलाज अगर सही तरीके से नहीं हुआ तो मरीज को संक्रमण सहित अन्य जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ता है। केजीएमयू के डा. जिलेदार रावत ने बच्चों में आंत उलझ जाने पर सर्जरी की तकनीक के बारे में नयी तकनीक की जानकारी दी। इसके अलावा आंकोलॉजी विशेषज्ञ डा. विजय कुमार अादि ने सम्बोधित किय