अगर आप दिन भर मोबाइल का प्रयोग करती है और गर्भवती भी है तो आपके गर्भस्थ शिशु को शारीरिक समस्या का सामना करना पड सकता है। यह हाल में ही किये गये अध्ययन में साबित हुआ है। शोध बताते है कि बडो की तुलना में एक साल की उम्र तक के बच्चे दो गुनी और पांच साल तक की उम्र के बच्चे साठ गुनी ज्यादा रेडियो फ्रेक्वेसी रेडिऐशन ग्रहण करते है। शोध में यह भी साबित हुआ है कि हर व्यक्ति अलग अलग रेडिएशन से नुकसान होता है। यह व्यक्ति के इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है।
रेडिएशन तत्काल दिक्कत सामने नही आती है –
शोध में पाया गया कि अगर बच्चों में यह प्रभाव इतना ज्यादा है तो गर्भस्थ में और कई गुना ज्यादा होगा। यह रेडिएशन उनको ज्यादा होगा जै महिलाए मोबाइल का प्रयोग बहुत ज्यादा करती है या फिर आपने खान पान कि ज्यादा ध्यान नही रखती है। इसके अलावा यह देखा गया है जो महिलाएं चलते फिरते अपने लैपटाप का प्रयोग कही भी करने लगती है वह भी पैरो पर रख काफी देर तक प्रयोग करती है। शोध बताता है रेडिएशन तत्काल दिक्कत सामने नही आती है । गर्भस्थ शिशु के दिमाग व शारीरिक कही भी प्रभाव डाल सकती है।
ऐसे में गर्भवती महिलाएं अगर मोबाइल का प्रयोग कम से कम करे तो बेहतर नतीजे निकल सकते है। ईसके साथ ही वह महिलाएं आफिशियल तौर फर मोबाइल कि प्रयोग लगातार करती है और अपने खानपान का ध्यान रखती है उन्हे रखना चाहिये।