लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने न्यूरो सर्जरी विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है। कर्मचारी पर मरीज को बिस्तर दिलाने के बदले रुपये लेने का आरोप है। मंत्री के निर्देश पर जांच करायी गयी। जांच के नौ महीने बाद अब कर्मचारी पर कार्यवाही हुई है। कर्मचारी परिषद का आरोप है कि कर्मचारी को चिकित्सा शिक्षा मंत्री के दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
बताते चले कि ट्रॉमा सेंटर से मरीज को न्यूरो सर्जरी विभाग में मरीज को फरवरी में रेफर किया गया था। आरोप है इसके बावजूद मरीज को शताब्दी फेज-2 स्थित न्यूरो सर्जरी विभाग में बेड नहीं दिया गया। परिजनों ने वार्ड में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर बिस्तर दिलाने के बदले रुपये मांगने का आरोप लगाया। आरोप है कि रुपये देने के बाद ही मरीज को बिस्तर मिल सका। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान परिजनों ने मंत्री को आपबीती सुनाई थी। मंत्री ने स्टांप पेपर पर शिकायत करने की बात कही थी, साथ ही अफसरों से कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश दिए। मामले की गंभीरता से जांच कराने को भी कहा था। केजीएमयू कर्मचारी संघ ने कर्मचारी की बर्खास्तगी का विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार का कहना है कि केजीएमयू प्रशासन ने बिना साक्ष्य के कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। आरोप है कि यह मंत्री के दबाव में फैसला किया गया है। इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। शुक्रवार को ड्यूटी खत्म करने के बाद कर्मचारी बारह बजे कुलपति व कुलसचिव कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे।