लखनऊ। आयुर्वेद, यूनानी के निजी चिकित्सक को आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्वति बोर्ड से पंजीकृत हैं और वह जनपद लखनऊ की सीमा के अन्तर्गत चिकित्सा अभ्यास कर रहे हैं तो उनको अपना पंजीकरण क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय में 20 अप्रैल तक करा सकते हैं। इसके बाद कार्यालय में पंजीकृत कराये बिना जो भी आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सक/प्रतिष्ठान अभ्यास करते हुए पाए जाने पर एक्ट में निहित प्राविधानों के तहत कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
यह जानकारी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. शिव शंकर त्रिपाठी ने देते हुए बताया कि यह संज्ञान में आया है कि तमाम चिकित्सक हैं जो प्रदेश के बाहर से या अन्य जिले से आकर होटल या धर्मशाला में बैठकर आयुर्वेद/यूनानी पद्वति से रोगियों का इलाज करते हैं तो उन्हंे भी अब इस कार्यालय में बिना पंजीकरण कराये चिकित्साभ्यास की अनुमति नहीं दी जायेगी।
बीस अप्रैल तक करा सकते हैं पंजीकरण :
जगह-जगह सड़क के किनारे तम्बू लगाकर खानदानी एवं अनेकों नाम से आयुर्वेद/यूनानी दवाखाना चलाने वालों के पंजीकरण की भी जाँच की जाएगी। यदि वे अवैध डिग्री या डिप्लोमा एवं बिना रजिस्ट्रेशन के अनियमित ढंग से चिकित्साभ्यास करते हुए पाये जाते हैं तो उनके विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के क्रम में उ0प्र0 शासन के आदेश सं0-1297/71-आयुष-1-2016-डब्लू-283/2014, लखनऊ 03.08.2016 के द्वारा प्रदेश के समस्त आयुर्वेदिक एवं यूनानी पद्वति के कोई भी निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान/चिकित्सक, चिकित्सा कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व जनपद के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, कार्यालय में अपना पंजीकरण आवश्यक रूप से करायेंगे। एतएव उपरोक्त आदेश के अनुपालन में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एव यूनानी अधिकारी, लखनऊ द्वारा दिनांक 09.08.2016 को दैनिक समाचार पत्रों विज्ञप्ति का प्रकाशन कराकर यह सूचित किया गया था कि यदि कोई भी आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सक, निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान/चिकित्सीय कार्य कर रहें है अथवा प्रारम्भ करना है तो विज्ञप्ति के प्रकाशन के दो माह के अन्दर पंजीकरण हेतु आवेदन के लिए निर्धारित प्रारूप कार्यालय से प्राप्त कर प्रस्तुत करें ।
किन्तु अभी तक इस कार्यालय को लगभग 80 आवेदन ही प्राप्त हुये हैं, जबकि आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्वति बोर्ड ट्ठपूर्व नाम-भारतीय चिकित्सा परिषद) उ0प्र0 लखनऊ में लगभग 3500 चिकित्सक जनपद लखनऊ में चिकित्साभ्यास के लिए पंजीकृत हैं।
श्रीमान जी हमारी संस्था शौर्य प्राकृतिक चिकित्सा एव योग शिक्षण संस्थान धुसाह बलरामपुर एक्ट 1860 के नियमो के अन्तर्गत रजिस्ट्रेडर 1078 है पर पंजीकृत नही है ।
अतः संस्थान को पंजीकृत करने की कृपा करे ।