लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पेटरेटी विभाग के प्रमुख व डा. सूर्यकांत का कहना है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लोग गंभीर मरीजों के इलाज में रेमेडेसिविर इंजेक्शन के पीछे भाग रहे है। जब कि उनका दावा है कि इस इंजेक्शन से किसी मरीज की जान बचाने के काम नहीं आता है। डॉ सूर्यकांत ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस इंजेक्शन की मांग पर तत्काल इसके दाम कम कर दिए और सभी जगह इसकी उपलब्धता करा दी. लेकिन क्लीनिकल शोध, उसकी उपलब्धि कोई जानकारी नहीं देता है।
उनका दावा है कि अक्टूबर में रेमेडेसिविर इंजेक्शन का बहुत बड़ा ट्रायल किया गया था। उसमें पाया गया कि जिन गंभीर मरीजों को यह इंजेक्शन दिया गया। उसकी जान नही बचाया जा सकी। इसकी संस्तुत डब्ल्यूएचओ ने भी इसके प्रयोग में देने से मना कर दिया। उनका कहना है कि समय पर रोग की पहचान, इलाज से सब ठीक होगा।