लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेजीडेंट डाक्टर की कुछ मांगों को जल्द पूरा किये जाने की उम्मीद है। इनमें साप्ताहिक अवकाश व लगातार ड्यूटी के बाद डे या नाइट आफ की मांग भी पूरी की जा सकती है। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन जल्द ही बैठक करके निर्णय लेगा। केजीएमयू में कुछ दिन पहले आर्थोपैडिक विभाग के रेजीडेंट डाक्टर ने हाथ की नस को काट लिया था। केजीएमयू प्रशासन के अनुसार वह मानसिक रूप से बीमार था आैर उसका इलाज चल रहा था, लेकिन साथियों का आरोप था कि वह काम के दबाव के कारण बीमार पड़ा था। रेजीडेंट डाक्टरों का आरोप था कि उनके ऊपर काम के दबाव के अलावा उत्पीड़न भी होता है।
इसके कारण वह लोग तनाव में रहते है। इसके अलावा उन्हें काम की अधिकता के कारण साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पाता है। इसके अलावा लगातार 36 घंटे से ज्यादा काम करने पर भी अगले दिन आफ भी नहीं मिलता है। जब कि मेडिकल काउसलिंग आफ इंडिया का नियम है। इसको लेकर रेजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन ने बैठक करके सभी रेजीडेंट डाक्टरों का मत मांगा था। सभी ने एक मत से साप्ताहिक अवकाश व डबल ड्यूटी करने पर अगले दिन बेड रेस्ट की मांग थी। इसके लिए कुलपति प्रो. एमएल बी भट्ट से वार्ता भी की थी।
कुलपति ने जल्द ही उनकी आवश्यक मांगों को जल्द पूरा करने के लिए कालेज के अधिकारियों के द्वारा बैठक करने आश्वासन दिया था। केजीएमयू प्रवक्ता डा. नरसिंह वर्मा ने बताया कि रेजीडेंट डाक्टरों की मांगें पूरी करने के लिए जल्द ठोस निर्णय लिए जाएगा। डा. सिंह ने बताया कि रेजीडेंट डाक्टर का साप्ताहिक अवकाश को शुरू करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा 36 घंटे से ज्यादा ड्यूटी करने के बाद अलगे दिन अवकाश की मांग है। इस पर भी विचार किया जा रहा है, परन्तु यह भी ध्यान देना होगा कि रेजीडेंट डाक्टरों की ड्यूटी के घंटे कम होने दिक्कत हो सकती है।
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