लखनऊ। कोलकाता में महिला डाक्टर की हत्या व रेप के विरोध में रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी रही। लोहिया संस्थान में ओपीडी में पंजीकरण कार्य ठप कराने गये रेजीडेंट डाक्टरों की तैनात कर्मचारियों से नोंक झोंक हो गयी। नोंक झोंक में काउंटर के शीशे भी टूट गये। इससे काफी देर तक ओपीडी में अफरा- तफरी मची रही।
मरीजों व तीमारदारों ने भी हंगामा मचा दिया। उधर पीजीआई में नया पंजीकरण नहीं हो पाया, जिससे लगभग 1500 मरीज बिना इलाज के लौट गये। ओपीडी में पहले डेट लिये हुए पुराने मरीजों को ही फैकल्टी डाक्टरों ने परामर्श दिया। यहां मरीजों की जांच भी नही हो पा रही थी, जिनकी जांच हो चुकी थी, उनकी रिपोर्ट नहीं मिल पा रही थी, जिससे मरीज तीमारदार परेशान रहे। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रेजीडेंट डाक्टरों ने कार्य का बहिष्कार करके धरना प्रदर्शन किया। ओपीडी में कार्य बहिष्कार करके धरना प्रदर्शन किया। शाम को कैंडिल मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया।
मंगलवार को लोहिया संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर्स पंजीकरण संबंधी काम बंद कराने पहुंचे। यहां पर पंजीकरण बंद कराने के दौरान रेजिडेंट डॉक्टरों की कर्मचारियों से नोकझोंक हो गई। दोनों की नोंकझोंक में काउंटर के कांच के शीशे टूट गए। इससे मरीज व तीमारदारों में अफरा-तफरी मच गयी।
हॉस्पिटल ब्लॉक में घटना लगभग ग्यारह बजे की है।
पंजीकरण काउंटर के सामने मरीज-तीमारदारों की लंबी कतार लगी थी। इस बीच रेजिडेंट डॉक्टर नारेबाजी करते हुए पहुंच गये। इन लोगों ने कर्मचारियों से पंजीकरण काउंटर का काम रोकने के लिए कहा। कर्मचारियों ने काम नहीं रोका तो दोनों में कहासुनी होने लगी। धीरे-धीरे नोकझोंक बढ़ गई। इसी दौरान लाइन में लगे मरीज व तीमारदारों का गुस्सा भी भड़क उठा। मरीज-तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया। डॉक्टरों ने भी नारेबाजी तेज कर दी। कर्मचारी घबरा गए। इसी बीच किसी ने काउंटर के शीशे को तोड़ दिया।
शीशा टूटने से ओपीडी में अफरा-तफरी मच गयी। पंजीकरण का काम बंद कराने के बाद रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी में डॉक्टरों के कमरे में पहुंच गए। यहां पर कुछ सीनियर डॉक्टरों ने तो मरीजों को देखना बंद कर दिया। बताया जाता है कि कुछ ने आधे घंटे काम ठप कर दिया। इसकी वजह से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उधर पीजीआई में रेजिडेंट एसोसिएशन की हड़ताल सातंवे दिन भी जारी रही। इससे ओपीडी में नये पंजीकरण नही हो पाया आैर लगभग 1500 मरीजों को बगैर इलाज के वापस जाना पड़ा। एम आर आई व सी टी के मरीज को भी बगैर जांच के लिए वापस हो रहे हैं। इसके अलावा ब्लड, अल्ट्रासाउंड, तथा इम्यूनोलॉजी के मरीजों को भटकना पड़ रहा हैं। शाम को पी एम एस वाई से एपेक्स ट्रामासेंटर तक रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और फैकल्टी फोरम के सीनियर चिकित्सक तथा नर्सिंग एसोसिएशन के लोग कैंडिल मार्च और मशाल जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन कर रोष जताया।
केजीएमयू में रेजीडेंट डाक्टरों ने कार्य का बहिष्कार करके धरना प्रदर्शन किया। ओपीडी में फैकल्टी डाक्टर्स ने मरीजों को परामर्श दिया, लेकिन रेजीडेंट डाक्टरों के न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वही रेडियोडायग्नोस्टिक, पैथालॉजी सहित स्थानों पर रेजीडेंट डाक्टरों की कमी से मरीज को इलाज में परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिन भर रेजीडेंट डाक्टर धरने पर बैठे रहे। शाम को रेजीडेंट डाक्टरों ने कैडिल मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया।