लखनऊ। कोलकाता में ट्रेनी डाक्टर की हत्या व रेप की घटना के विरोध में राजधानी में लगभग दो हजार रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल नवें दिन भी जारी रही। लोहिया संस्थान के रेजीडेंट डाक्टरों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए ओपीडी को बंद करा दिया। प्रदर्शन करते हुए विभागों के आपरेशन को भी नहीं होने दिया। ओपीडी न चलने से लगभग 1700 सौ मरीज इलाज कराने से वंचित रह गये, तो पहले से निर्धारित लगभग 45 सर्जरी नही हो सकी।
लोहिया संस्थान व केजीएमयू के रेजीडेंट डाक्टरों ने ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन करके ब्लड डोनेशन किया। केजीएमयू की ओपीडी में वरिष्ठ डाक्टरों ने परामर्श दिया, लेकिन रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल मरीज कम आ रहे है। विभागों में मरीजों के बहुत कम ही सर्जरी हो रही है। उधर पीजीआई में ओपीडी में ऐसे मरीजों के पंजीकरण पूरी से ठप चल रहे है, लेकिन बुधवार को वीआईपी मरीजों का पंजीकरण कि ये जाने का आरोप लगा है। दिन भर रेजीडेंट डाक्टरों ने काम काज ठप करके धरना दिया आैर शाम को कैडिल मार्च निकाला। कैंसर संस्थान की ओपीडी में रेजीडेंट डाक्टरों ने काम काज ठप रखा।
लोहिया संस्थान में सुबह रेजीडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन करते हुए ओपीडी में पंजीकरण बंद करा दिया। पंजीकरण व डाक्टरों के कमरों के बाहर लाइन में मरीज निराश हो गये। रेजीडेंट डाक्टरों ने पंजीकरण काउंटर पूरी तरह से बंद करा दिया। इसके अलावा विभागों में सर्जरी भी करने से रोक दिया। गंभीर मरीजों को इमरजेंसी भेजा गया। जहां पर काफी मरीजों को तो लौटा दिया गया। कुछ मरीजों को स्ट्रेचर पर ही इलाज मिल पाया। लोहिया संस्थान प्रवक्ता डा. भुवन तिवारी ने बताया कि ओपीडी में पंजीकरण न होने पर नये मरीजों को परामर्श नहीं मिल पाया। पुराने पर्चो के काफी मरीजों को डाक्टरों ने परामर्श दिया। इसके अलावा सर्जरी करने का विरोध करने पर लगभग चालीस सर्जरी टल गयी। रेजीडेंट डाक्टरों ने ब्लड डोनेशन किया है।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर ने बताया कि ओपीडी में फैकल्टी डाक्टरों की मौजूदगी से कुल 3748 मरीजों को परामर्श दिया गया। इनमें नये मरीज लगभग1056 है आैर पुराने मरीज 2692 ने डाक्टरों का परामर्श दिया। इसके अलावा आपरेशन भी काफी नही हो सके। रेजीडेंट डाक्टरों ने धरना प्रदर्शन करके शाम को कैंडिल मार्च निकाला।
उधर पीजीआई में रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल से नवीन ओ पी डी में नये मरीजों का पंजीकरण आज भी पूरी तरह बंद रहा, लेकिन वहीं दूसरी तरफ चोरी छिपे वी आई पी मरीजों के पंजीकरण किये जाने का आरोप है। रेजीडेंट डाक्टरों में इससे आक्रोश है। बताया जाता है कि न्यूरो सर्जरी एवं यूरोलॉजी के विभाग में वी आई पी मरीजों का पंजीकरण कि या, जब कि नया पंजीकरण न होने से बिहार, झारखंड, असम गुवाहाटी के मरीजों को बगैर इलाज के वापस जाना पड़ रहा हैं या ऐसे कई मरीज गैलरी तथा टीन सेट व पेड़ के नीचे तक तथा गेट के बाहर हड़ताल समाप्त होने का इंतजार कर रहे है। आपरेशन के मरीजों को भी अगली तारीख देकर उन्हें भी वापस किया जा रहा हैं। जांच का कार्य भी प्रभावित हैं। रेजिडेंट एसोसिएशन के अजीत कुमार झा ने कहा कि अभी एक महिला चिकित्सक के साथ अपने कार्य स्थल पर सुरक्षित नहीं रहीं। सुरक्षा सहित अन्य मांगों को जब तक पूरा नहीं कि या जाता है। तब तक आंदोलन चलता रहेंगा।