रोड एक्सीडेंट में 30 प्रतिशत होती है स्पाइन इंजरी

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लखनऊ। स्पाइनल कार्ड की इंजरी सड़क हादसे या अन्य हादसे में 20 से 30 फीसदी की स्पाइनल कार्ड चोटिल हो जाती है। घायलों को हमेशा पीठ में सहारा देकर ही उठाएं। उन्हें स्ट्रेचर के समान लकड़ी के टुकड़ या गुटका में रखकर ले
जाएं। यह जानकारी गुरुवार को पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में आयोजित विश्व स्पाइनल कॉर्ड इंजरी अवेयरनेस डे कार्यक्रम में न्यूरो सर्जन प्रो. वेद प्रकाश कहीं। मुख्य अतिथि न्यूरो सर्जन प्रोफेसर अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कहा रीढ़ की हड्डी के निचले भाग में चोट लगने से घायल लकवा की चपेट में आ सकता है।

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इसके इलाज में समय लगता है। मरीजों को धैर्य रखना चाहिए। नर्सिंग ऑफीसर रचना मिश्रा ने स्पाइन इंजरी होने पर नर्सिंग केयर के बारे में बताया कहा कि डॉक्टर की परामर्श के अनुसार दवाएं लें। प्रो. वेद ने बताया कि वाहन चालक वाहनों को तेज गति से न चलाएं। ट्रैफिक नियमों का पालन करें। वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग जरूर करें।

भवनों व बिल्डिंग के निर्माण में लगे लोगों को सेफ्टी के साथ काम करना चाहिए। डॉ जय सरदारा डॉ रुपाली और डॉ. सुयश सिंह ने रीढ़ की हड्डी के बचाव के बारे में जानकारी दी।

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