लखनऊ । संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान में दिल का दौरा पड़ने वाले मरीजों, ब्रोन स्ट्रोक व रक्तरुााव के मरीजों के तत्काल इलाज हेतु प्रस्तावित 210 बेड के इमरजेंसी मेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी केन्द्र के बनने का रास्ता साफ हो गया। इसके साथ ही संस्थान में लिवर प्रत्यारोपण केन्द्र हेतु उपकरणों की खरीद फरोख्त और 180 बेड के गुर्दा प्रत्यारोपण केन्द्र का निर्माण होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन की सहमति पर बुधवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर, सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल एवं अपर निदेशक पीजीआई तथा विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा जयंत नार्लेकर और एसबीआई के अधिकारियों की उपस्थिति में 473 करोड़ रूपये के ऋण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए।
210 बेड का इमरजेंसी मेडिसिन, 180 बेड का गुर्दा प्रत्यारोपण केन्द्र –
पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर बताते हैं कि पांच मार्च से काम शुरू हो जाएगा। डॉ. कपूर कहते हैं कि बजट के अनुसार निर्माण कार्य कराया जाएगा। कोशिश है कि दो वर्ष में निर्माण कार्य पूरा कर जरूरी संसाधनों की खरीद फरोख्त कर मरीजों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हालांकि दो वर्ष से बजट का मामला अटका हुआ था। सपा सरकार में एसबीआई ने पीजीआई को लोन देने से मना कर दिया। चार मंजिला होगा इमरजेंसी मेडिसिन और गुर्दा प्रत्यारोपण केन्द्र पीजीआई के सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल बताते हैं कि संस्थान परिसर स्थित पीएमएसएसवाई ब्लॉक के सामने खाली पड़ी जमीन पर 210 बेड का इमरजेंसी मेडिसिन और 180 बेड का गुर्दा प्रत्यारोपण केन्द्र बनेगा। इस चार मंजिला भवन में दो मंजिल इमरजेंसी मेडिसिन तथा दो मंजिल गुर्दा प्रत्योपण केन्द्र बनेगा।
इमरजेंसी मेडिसिन के लिए पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने तीन वर्ष पहले सरकार को प्रस्ताव भेजा था। बजट की वजह से इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब एसबीआई से ऋण की मंजूरी मिलने से कई वर्ष से प्रस्तावित कई योजनाओं के शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
रोबोटिक सर्जरी केन्द्र की स्थापना व लिवर प्रत्यारोपण केन्द्र
पुरानी लाइब्रोरी में बनेगा रोबोटिक सर्जरी केन्द्र संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश कपूर बताते हैं कि संस्थान की पुरानी लाइब्रोरी में रोबोटिक सर्जरी केन्द्र का निर्माण होगा। हाल में योगी सरकार ने बजट में रोबोटिक सर्जरी के लिए 30 करोड़ रुपए दिए थे। डॉ. कपूर बताते हैं कि जल्द ही राबोट के साथ ही जरूरी संसाधनों की खरीद फरोख्त होगी। संस्थान ने यूरोलॉजी, इंडोक्राइन सर्जरी समेत अन्य विभाग चिन्ह्ति भी कर लिए हैं। संस्थान के दर्जन भर से ज्यादा डॉक्टर रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। साथ ही संस्थान ने उस कम्पनी का चयन कर लिया है, जिससे रोबोट खरीदने हैं। संस्थान में निर्मित लीवर प्रत्यारोपण केन्द्र के सफल संचालन के लिए संस्थान जल्द ही जरूरी संसाधन और उपकरण खरीदेगा।
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