लखनऊ । अंतिम चरण में किडनी की बीमारी से भुगतते मरीजों में किडनी ट्रांसप्लांट एक मात्र जीवन दायक इलाज है। अभी तक किडनी ट्रांस प्लांट जादा कर अस्पतालों में खुली सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। मरीजों को इलाज के दौरान सर्जरी संबंधित जोखिमों का सामना भी करना पड़ता है।
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इनमें प्रमुख हैं –
ज्यादा दर्द , स्वस्थ्य लाभ में देरी , असुंदर निसान , घाव के बाद इन्फेक्शन का खतरा खासकर मोटापे और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में. किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़े इन सब जोखिओं को कम से कम करने में रोबोट्स का इस्तेमाल बेहतरीन साबित हुआ है।
डॉ अनंत कुमार ने बताया की –
- रोबोट्स की सहायता से मरीज में यह सर्जरी सिर्फ कुछ छोटे छोटे छेद करके हो जाती है।
- इससे इलाज दर्द रहित और ज्यादा लाभ दायक हो जाता है। उन्होने बतया की अभी तक उन्होंने मैक्स हॉस्पिटल में 16 किडनी ट्रांसप्लांट में रोबोटिक सहातया का इस्तेमाल किया है.
- इसमें ज्यादातर मरीज मोटे श्रेणी वाले थे और उनकी आयु संख्या 9 से 52 साल के बीच की थे.
- इनमें 11 पुरुष और 5 महिलाएं थी. इनमें से इलाज के समय किसी की भी जान को खतरा नहीं पड़ा और वह अगले दिन से खान-पान करने में समर्थ पाए गए।
- सभी मरीज अपने रोजाना काम काज करने में जल्दी का बिल हो गए और किसी को भी अपनी सुंदरता में निशान सम्बन्धी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।
- खुली सर्जरी के मुकाबले रोबोटिक सर्जरी महंगी पड़ती है परन्तु इसके परिणाम इससे जुड़े ज्यादा खर्च को उचित बना देते हैं।