न्यूज। मोबाइल सिम के फर्जीवाड़ा को रोकने के साथ ही ग्राहकों की सुविधा के लिए नियमों में परिवर्तन कर दिए हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) के नए नियमों के मुताबिक, अब ग्राहक फिजिकल के बजाय डिजिटल फॉर्म भरकर नयी सिम ले सकेंगे। वहीं, अब प्रीपेड को पोस्टपेड या पोस्टपेड को प्रीपेड में तब्दील कराने के लिए भी फिजिकल फॉर्म भरने की जरूरत समाप्त कर दी गई है।
. केंद्रीय कैबिनेट ने इससे जुड़े प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। बता दें कि हाल में दूरसंचार विभाग ने केवाईसी के नियम में भी बदलाव किया था।
दूरसंचार विभाग के नए नियमों के मुताबिक, अब टेलिकॉम ऑपरेटर 18 वर्ष से कम उम्र को सिम कार्ड नहीं मिल सकेगें। वहीं, अगर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है तो सिम कार्ड जारी करने पर रोक है। अगर ऐसे व्यक्ति को सिम कार्ड जारी किया जाता है तो टेलिकॉम कंपनी दोषी होगी। दरअसल, नया सिम लेने के लिए कस्टमर एक्यूजिशन फॉर्म (CAF) भरना होता है। यह ग्राहक और कंपनी के बीच कॉन्ट्रैक्ट होता है. इस फॉर्म में कई शर्तें होती हैं।
नए नंबर के लिए दस्तावेजों की जरूरत खत्म टेलिकॉम डिपार्टमेंट के नए नियमों के मुताबिक, अगर आपको नया मोबाइल नंबर या टेलीफोन कनेक्शन लेना है तो केवाईसी पूरी तरह से डिजिटल होगी। दूसरे शब्दों में समझें तो नई सिम के लिए आपको कोई डॉक्यूमेंट जमा नहीं करना होगा. वहीं, पोस्टपेड नंबर को प्रीपेड और प्रीपेड को पोस्टपेड कराने के लिए भी अब कोई फॉर्म नहीं भरना होगा। इसके लिए डिजिटल केवाईसी को वैध माना जाएगा. इसके लिए ग्राहक टेलिकॉम कंपनी के ऐप की मदद से सेल्फ केवाईसी करेंगे. इसके लिए उन्हें सिर्फ 1 रुपये का भुगतान करना होगा. ग्राहक ये काम वेबसाइट या ऐप के जरिये सिर्फ कुछ स्टेप्स में पूरी कर सकते हैं।
5 स्टेप्स में सेल्फ केवाईसी प्रक्रिया होगी।
1. सिम प्रोवाइडर का ऐप डाउनलोड करें. फिर अपने फोन से रजिस्टर करें.2. अपना दूसरा या अपने परिवार के किसी व्यक्ति का नंबर दें.3. इसके बाद मिले वन टाइम पासवर्ड (OTP) की मदद से लॉगिन करें.4. इसमें सेल्फ केवाईसी का ऑप्शन चुनें. जानकारी भरकर प्रक्रिया पूरा करें.
इस कॉन्ट्रैक्ट को इंडियन कॉन्ट्रैक्ट लॉ 1872 के तहत लागू किया जाता है. इस कानून के तहत कोई भी कॉन्ट्रैक्ट 18 से ज्यादा उम्र के लोगों के बीच होना चाहिए. भारत में एक व्यक्ति अधिकतम अपने नाम से 12 सिम खरीद सकता है. इसमें से 9 सिम का इस्तेमाल मोबाइल कॉलिंग के लिए किया जा सकता है. जबकि 9 सिम का इस्तेमाल मशीन-टू-मशीन कम्यूनिकेशन के लिए उपयोग किया जा सकेगा.