सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राहत देते हुए सहारा-बिड़ला डायरी मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दायर करते हुए इन डायरियों के बारे में जांच की माग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि जिन डायरियों की बात की जा रही है, उन्हें सबूत नहीं माना जा सकता।
राहुल गांधी ने दावा किया था –
इन्हीं डायरियों का नाम लेते हुए पिछले महीने दिसंबर में कांग्रेस ध्पाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि उनका नाम उन उद्योगपतियों की डायरी में लिखा मिला था जिनसे उन्होंने पैसे भी लिए। राहुल गांधी ने दावा किया था कि आयकर विभाग के पास इससे संबंधित कागजात मौजूद हैं। इन्हीं में सहारा ग्रुप के लोगों द्वारा नरेंद्र मोदी को छह महीने में कुल नौ बार पैसा दिए जाने की बात लिखी पाई गई थी। भारतीय जनता पार्टी ने इन आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर गलत आरोप लगाए हैं।
कहा जाता है कि ये डायरियां नवंबर 2014 में आयकर विभाग के एक छापे में बरामद की गई थीं जिनमें कथित तौर पर राजनेताओं को पैसे दिए गए थे जिनमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई और लोगों के नाम शामिल थे। प्रशांत भूषण ने फैसले के बाद कहा कि ये फैसला दिखाता है कि कई बार जब प्रभावशाली लोग आते हैं तो सुप्रीम कोर्ट का नजरिया उन्हीं मुद्दों को लेकर बदल जाता है जिनपर उन्होंने पहले दूसरी तरह के फैसले दिए।