लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बुधवार से बायोमैट्रिक सिस्टम शुरू होने के साथ ही विरोध शुरू हो गया है। केजीएमयू शिक्षक संघ ने बायोमैट्रिक हाजिरी से चिकित्सक शिक्षकों को अलग रखने की मांग की है। उधर डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भी बायोमेट्रिक सिस्टम शुरू कर दिया गया है। डाक्टरों में उपस्थिति लगाया, लेकिन वहां पर डाक्टरों में भ्रम की स्थिति बनी है कि इमरजेंसी से लेकर सर्जरी तक समय का निर्धारण कैसे होगा।
राज्यपाल ने सभी चिकित्सा संस्थानों में बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाने के निर्देश दिये है। इसके तहत बुधवार यानी कि एक जून से केजीएमयू व लोहिया संस्थान में बायोमेट्रिक उपस्थिति शुरू की गयी। केजीएमयू में 450 डॉक्टर और लगभग तीन हजार कर्मचारी हैं। बायोमैट्रिक में संस्थान आते और जाते वक्त सिस्टम में उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने बायोमैट्रिक व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। कुलपति ने दो टूक कहा कि जो डॉक्टर-कर्मचारी बायोमैट्रिक हाजिरी नहीं लगी, तो उन्हें वेतन जारी नहीं की जाएगी। उन्हें अनुपस्थिति माना जाएगा।
वही दूसरी ओर केजीएमयू शिक्षक संघ ने बैठक कर बायोमैट्रिक उपस्थिति को अनावश्यक करार दे दिया है। संघ का कहना है कि यह चिकित्सा संस्थान है। इसमें इमरजेंसी सेवाएं लगातार चलती हैं। डॉक्टर कभी भी गंभीर मरीज के इलाज व सर्जरी के लिए अस्पताल आते रहते है। मेडिकोज की पढ़ाई और रिसर्च में गाइड करने की जिम्मेदारी भी रहती है। अगर देखा जाए तो कोरोना संक्रमण काल में डॉक्टरों ने अस्पताल में कई-कई दिन -रात लगातार ड्यूटी की। ऐसे में समय सीमा को बांधकर डॉक्टर व कर्मचारियों से नौकरी कराना उचित नहीं है। इसके लिए एक कमेटी गठित की जाए जो विभिन्न बिन्दुओं का अध्ययन करे, ताकि सही निर्देश तैयार किए जा सकें। संघ के महासचिव डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि मरीजों के इलाज में किसी भी तरह दिक्कत न हो। सभी डॉक्टर मेहनत और लगन से मरीजों की सेवा कर रहे हैं। सभी का एक मत से कहना है कि ऐसे तो डाक्टर अपना बायोमेट्रिक लगाने के बाद पलट कर न आये तो मरीज के हित में नहीं होगा।
वही दूसरी ओर लोहिया संस्थान में सुबह से बायोमेट्रिक सिस्टम पर डाक्टर व कर्मचारी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। डाक्टरों का कहना है कि अगर इमरजेंसी करने के बाद निर्धारित समय पर आना मुश्किल होता है, तो ऐसे में उपस्थिति कैसे दर्ज होगी। फिलहाल डाक्टरों की समस्याओं का निदान करने की कोशिश में लगा है।