लखनऊ। यदि लम्बे समय से बुखार आ रहा है आैर सामान्य दवाओं के सेवन के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है, तो इसे नजर अंदाज न करें तत्काल डॉक्टर की परामर्श लें। यह जानकारी पीजीआई के क्लीनिकल इम्यूनोलाजी विभाग द्वारा आयोजित चार दिवसीय ऑटो एंटी बाडी वर्कशाप के समापन पर बुधवार को विभाग के प्रमुख डॉ. आरएन मिश्रा एवं डॉ. अमिता अग्रवाल ने दी।
पीजीआई में देश का पहला क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग स्थापित हुआ था। यहां ऑटो इम्यून डिजीज की श्रेणी में आने वाली एसएलई, पॉली मायोसाइटिस, वेस्कुलाइटिस, रूमटायड अर्थराइटिस आदि कई बीमारियां का इलाज होता है। इन बीमारियों की पुष्टि के लिये विशेष जांचें की जाती हैं, जो पीजीआई में उपलब्ध हैं। जांच तकनीकि की जागरूकता के लिये आयोजित वर्कशाप में देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में पढ़ाई कर डीएम और एमडी के छात्र शामिल हुये। कार्यशाला में वैज्ञानिक डॉ. मोहित, डॉ. अंकिता व डॉ. शशिकांत के अलावा तकनीकि अधिकारी ललित मोगा, अम्बरीश कुमार, अभिषेक पाण्डेय, मो. रिजवान, अजीत वर्मा प्रशिक्षु छात्राओं विशेष तकनीकि के बारे में जानकारी दी। विशेषज्ञों की मानें तो एक हजार लोगों में से 10 से 15 लोग ऑटोइम्यून डिजीज की चपेट में हैं।
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