लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में शनिवार देर रात डॉक्टरों की संवेदनहीनता से गर्भस्थ शिशु के मरने का आरोप लगा है। आरोप है कि डॉक्टरों ने भर्ती करने के बाद पांच घंटे तक अल्ट्रासाउंड तक नहीं जरुरी समझा। देर रात गर्भवती की तबियत बिगड़ी, तब अल्ट्रासाउंड कराने गर्भ में शिशु की धड़कन नहीं मिली। तत्काल सिजेरियन डिलीवरी कराने पर गर्भस्थ शिशु की मौत हो चुकी है। यह जानकारी मिलने पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया। सूचना पर आई पुलिस ने छानबीन की। तीमारदारों ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है।
सीतापुर निवासी टीका राम की पत्नी रोली (23) का लोहिया अस्पताल से उपचार चल रहा था। रोली का पहला बच्चा था। टीका राम का आरोप है कि करीब एक माह पहले अल्ट्रासाउंड कराने आए थे। डॉक्टरों ने बच्चा स्वस्थ होने की बात कही थी। शनिवार रात प्रसव पीड़ा होने पर रात करीब आठ बजे इमरजेंसी में भर्ती कराया।
कोई भी डॉक्टर व स्टॉफ ने मरीज का हाल नहीं लिया। देर रात करीब एक बजे डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराया तो बच्चें की धड़कन नहीं मिल रही थी। आनन फानन में डॉक्टरों ने सिजेरियन प्रसव कराया तो शिशु मृत निकला। पति का आरोप है कि करीब पांच घंटे तक डॉक्टर बच्चें की हालत ठीक बताते रहे। इलाज में हुई लापरवाही से गर्भस्थ की मौैत हो गई। नाराज तीमारदारों ने देर रात वहां पर हंगामा करना शुरू कर दिया।
निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि मामले की जांच के लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। टीम दो दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.