लखनऊ। अगर पुलिस व जिला प्रशासन ने समय पर कार्रवाई की होती तो चल रहा फर्जी ब्लड बैंक लगभग डेढ वर्ष पहले पकड़ लिया गया होता। इस पर परेशान होकर पुराने लखनऊ के ब्लड बैंक ने कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन व पुलिस विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र के साथ सबूत भी दिये थे कि उनके ब्लड बैंक के नाम की फर्जी स्टीकर लगाकर ब्लड बैग बेचा रहा है। प्रशासन ने एक कमेटी बनाकर कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
यह फर्जी स्टीकर लगा ब्लड बैग छह फुटा रोड के पास स्थित निजी नर्सिंग होम को बेचा गया था। इस अस्पताल ने सजग होते हुए क्रास मैच फार्म में कमी होने के कारण ब्लड बैंक से शिकायत की थी, तब इसका खुलासा हुआ था। इसके अलावा डेंगू के सीजन में भी प्लेट्लेट् फर्जी स्टीकर सीतापुर रोड स्थित निजी अस्पताल आैर आलमबाग के निजी अस्पताल में पकड़ी गयी थी। तब भी इसकी शिकायत भी की गयी थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण अभी तक यह फर्जी ब्लड बैक नही पकड़ जा सका था।