लखनऊ । बलरामपुर अस्पताल की आयुष ओपीडी में यूनानी चिकित्सा ठप हो गयी। ओपीडी में तैनात डाक्टर को पक्की नौकरी मिली, इसलिए उन्होंने संविदा की नौकरी छोड़ दी। ऐसी स्थिति में फार्मासिस्ट व दवाएं होने के बावजूद मरीज बिना उपचार लौटते हैं। 29 जुलाई से यूनानी ओपीडी पर ताला लगा है। शुक्रवार को ओपीडी आए मोहम्मद कलीम (54) को जब पता चला कि डाक्टर इस्तीफा देकर गए। यह सुनते ही मानो उन पर पहाड़ टूट पड़ा हो।
बोले कि ‘अभी तो आधा इलाज हुआ था। अब नए डाक्टर आएंगे तो कहीं सिरे से इलाज शुरू न करें। अभी तक चले इलाज से उन्हें बहुत आराम रहा है, लेकिन डाक्टर के इस्तीफे की बात उनके दर्द हो बढ़ाने वाली थी। इसी प्रकार कई अन्य मरीज आए, तो यूनानी ओपीडी बंद होने पर आयुर्वेद ओपीडी से इलाज करने के बाद चलते बने। अस्पताल प्रशासन के अनुसार आयुष ओपीडी का संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना के तहत होता है। नोडल अधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी नियुक्त हैं।
उनका कहना है कि यूनानी चिकित्सक की जल्द तैनाती की जाएगी। सूत्र बताते हैं कि मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर कई यूनानी चिकित्सक चक्कर लगा चुके हैं। उनका मनना है कि बड़े अस्पताल में काम करने पर उनकी प्रोफाइल का कद बढ़ेगा, इसलिए बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में तैनाती के लिए सिफारिशें लगवा रहे हैं।