संवाद का रास्ता खुला है, आन्दोलन सही नहीं : मुख्यमंत्री

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लखनऊ । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा सरकार सभी विभागों की समस्याओं को लेकर गंभीर है, सरकार ने संवाद का रास्ता खोल रखा है, इसके बाद भी अधिकारी संघर्ष का रास्ता अपना रहे है, यह ठीक बात नहीं है। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि अधिकारी संघ को संघ ही रहने दें, ट्रेड यूनियन न बनाए क्योंकि झंडे व डंडे से बात नहीं बनेगी।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर सेवा संघ के 52 वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में जीएसटी को सफलता पूर्वक लागू करने व तीन माह के राजस्व वृद्धि के आंकड़ों पर खुशी व्यक्त की, लेकिन देश के सबसे बड़े उपभोक्ता राज्य में इसे न काफी बताया।

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अपने पूरे सम्बोधन के दौरान सीएम ने अधिकारियों की पीठ थपथपाने के साथ ही उनकी कमियों का अहसास भी कराया। सम्बोधन में सीएम ने यह संदेश देने की कोशिश की कि आन्दोलन के दबाव में आकर सरकार कोई फैसला नही लेगी। उन्होंने संघ द्वारा दिए गए ज्ञापन पर विभाग के अपर मुख्य सचिव व कमिश्नर वाणिज्य कर को गंभीरता पूर्ण विचार करने व समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया, लेकिन अपनी तरफ से कोई घोषणा नहीं की जिसका अधिकारियों को इंतजार था। कार्यक्रम में अन्य संगठनों में उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र यादव व उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर अधिकारी सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. शिव आसरे सिंह व महासचिव विजय यादव भी शिरकत करने गाजियाबाद से पहुंचे।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने दीप जलाकर किया। उन्होंने कहा पिछले तीन माह में राजस्व काफी अच्छा आया है, विभाग के आंकड़े बहुत ही उत्साहवर्धक रहे हैं। पंजीकृत व्यपारियों को उत्तर प्रदेश में जीएसटी के तहत पंजीकृत किया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश के लिए ये आंकड़े काफी नहीं हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य है इसलिए यहां के लिए ये आंकड़े काफी नहीं हैं। सीएम ने कहा कि राजस्व की दृष्टि से वाणिज्यकर विभाग की बहुत बड़ी भूमिका है, इस वर्ष विभाग को 71 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग के अधिकारी निष्ठा से काम करें तो यह एक लाख करोड़ तक पहुंच जाएगे यह मुझे विश्वास है। अपने सम्बोधन में सीएम ने अधिकारियों को यह अहसास करा दिया कि विभाग के संघ हर बार राज्य सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने की जो बात दोहराते हैं सरकार इससे झुकने वाली नहीं है, क्योंकि 22 से 23 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य के विकास की जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर है।

इस अवसर पर विभाग के अपर मुख्य सचिव कर एंव निबन्धन अालोक कुमार व कमिश्नर वाणिज्यकर कामिनी चौहान रतन भी उपस्थित थे। संघ के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री के साथ ही सभी अतिथियों का स्वागत किया आैर वार्षिक रिपोर्ट के साथ ही कैडर पुर्नगठन, अधिकारियों के आवास व वाहन की समस्या, ज्वाइंट कमिश्नरों के वेतन विसंगति समेत कई मांगों को लेकर तैयार किये गए ज्ञापन का वाचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संघ की वार्षिक स्मारिका संवाद का विमोचन भी किया। इससे पूर्व लखनऊ के एडीशनल कमिश्नर- ग्रेड-2 अनंजय कुमार राय, ज्वाइंट कमिश्न विवेक कुमार आर्य समेत कई अन्य अधिकारियों ने सीएम का स्वागत किया।

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