लखनऊ। स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप से किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डाक्टर खुद सुरक्षित नहीं है। यहां पर सेनेटाइजर हैंडवाश समाप्त हो जाने के कारण डाक्टरों को संक्रमण से निपटना मुश्किल हो रहा है। रेजीडेंट से लेकर जूनियर डाक्टर खुद संक्रमण से बचने के लिए सेनेटाइजर खरीदकर प्रयोग कर रहे है।
स्वाइन फ्लू की गाइड लाइन के अनुसार इलाज कर रहे डाक्टरों को मास्क लगाने के अलावा मरीज को देखने के बाद हाथ को सेनेटाइजर से वॉश करना होता है। ताकि वायरस संक्रमण से बचा जा सके। मेडिसिन विभाग के गांधी वार्ड में सबसे ज्यादा मरीज स्वाइन फ्लू के भर्ती है। यहां पर मरीजों का इलाज करने के दौरान कई जूनियर व रेजीडेंट डाक्टर भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ चुके है। इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नही की गयी है। इसके बाद भी लगातार सेनेटाइजर की कमी से डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ परेशान हो गये है।
उनका कहना है कि हम इलाज करे या खुद को संक्रमण से बचाये। उनका कहना है कि कई बार सेनेटाइजर के लिए लिख कर दिया गया,लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। कुछ डाक्टरों का कहना है कि मजबूरी में हम खुद खरीद मंगाते है ताकि संक्रमण से बचा जा सके। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार का कहना है कि उन लोगों ने सेनेटाइजर को स्टोर से लिया नहींं होगा। उनकी जानकारी के अनुसार अभी कमी नहीं हुई है।