इन एम्बुलेंसों में गंभीर मरीज बचे, ठीक नही तो….

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लखनऊ। इमरजेंसी में मरीजों को वेंटीलेटर सपोर्ट पर अस्पताल लेकर जाने वाली एएलएस एंबुलेंस बदहाल चल रही है। जीवनरक्षक उपकरण से लैस इन एंबुलेंस में ज्यादातर वेंटीलेटर तक खराब होने से गंभीर मरीजों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो रहा है। जब कि करोड़ों रुपए का बिल का भुगतान कंपनी को एनएचएम को भेजा जा रहा है। आरोप है कि बदहाल एंबुलेंसों की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है।

 

 

 

लखीमपुर के मरीज को बीती रात अचानक हालत बिगड़ने पर हालत गंभीर बताकर डाक्टरों ने उसे एडवांस लाइफ स्पोर्ट वाली एंबुलेंस से शुक्रवार दोपहर ट्रॉमा भेजा गया। ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों ने बिस्तर खाली न होने की बता कर बलरामपुर अस्पताल भेज दिया। दोपहर करीब तीन बजे एंबुलेंस बलरामपुर अस्पताल इमरजेंसी में मरीज को लेकर पहुंची। यहां पर अस्पताल स्टॉफ ने एंबुलेंस स्ट्रेचर पर मरीज लेकर अाने के लिए कहा गया तो ईएमटी ने स्ट्रेचर का पहिया टूटा बताया। इसके अस्पताल के स्टाफ ने खुद इमरजेंसी से ऑक्सीजन सिलेंडर व स्ट्रेचर मंगाकर मरीज को अंदर शिफ्ट कराया गया। बताया जाता है कि एडवांस लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस से मरीज को लखनऊ पहुंचा तो था, लेकिन एंबुलेंस के जीवन रक्षक उपकरण सही तरीके से क्रियाशील नही थे। प्रदेश सरकार अति गंभीर मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए वेंटीलेटर स्पोर्ट वाली एंबुलेंस दे रखी है। मगर एम्बुलेंस व उपकरण की मरम्मत न होने से आैर ज्यादा बदहाल हो रहे हैं। एक दो नहीं कई एंबुलेंस में यही परेशानी सामने आ रही है। वही ट्रामा सेंटर में पहुचने वाली एम्बुलेंस भी ज्यादातर मरीजों को जल्द उतारने में जुटी रहती है। इस बारे में प्रोजेक्ट प्रमुख दीपक खरबंदा का कहना है कि गवर्नमेंट से हैंड ओवर कुछ एम्बुलेंस में कुछ एम्बुलेंस आैर मेडिकल उपकरण रिप्लेंसमेंट प्रक्रिया में है। इसके अलावा एम्बुलंेस को मरम्मत कराने का काम तेजी से किया जा रहा हंै।

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