लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इमरजेंसी काम्पलेक्स एवं ट्रामा सेंटर के दूसरे तल पर लगी आग को शासन ने गंभीरता से लिया है। केजीएमयू प्रशासन से इसकी आख्या मांगी है। उधर केजीएमयू ने आनन -फानन में आग लगने के कारणों की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है।
बीती रात ट्रामा सेंटर के दूसरे तल पर मेडिसिन व आर्थोपैडिक विभाग की लिफ्ट के समीप आग लग गयी। तेज आग आैर उसके धुएं के कारण दोनों के विभागों के मरीज तो पलंग सहित सड़कों पर भाग कर पहुंचे, तो क्रिटकल केयर व अन्य विभागों में भी भगदड़ मच गयी। फायर बिग्रेड की पहुंची गाड़ियों ने किसी तरह आग पर काबू तो पा लिया, लेकिन आग लगने के कारणों को केजीएमयू प्रशासन स्पष्ट नही कर सका। बृहस्पतिवार को शासन ने ट्रामा सेंटर में लगी आग को गंभीरता पूर्वक ले लिया। बताया जाता है कि ट्रामा सेंटर जैंसे महत्वपूर्ण स्थान पर आग लगने की घटना कई बार होने पर नाराजगी जतायी है। केजीएमयू कुलपति से इसकी जानकारी तलब की गयी है।
इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने आनन-फानन में जांच कमेटी गठित करते हुए पारदर्शिता बरतने का दावा किया है। कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ट्रामा सेंटर, मुख्य अग्निशमन अधिकारी हजरतगंज, सहायक निदेशक, विद्युत सुरक्षा लखनऊ रीजन विभूति खड गोमती नगर, केजीएमयू बायोकेमिस्ट्री विभाग के प्रमुख प्रो. अब्बास अली मेंहदी को शामिल कि या गया है। यह कमेटी एक बार रिपोर्ट देकर रोकथाम के उपायों को बतायेगी, जैसे तीन वर्ष पहले लगी ट्रामा सेंटर में आग की घटना के बाद दिया गया था, लेकिन अमल आज तक नही हो सका है।
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