शासन ने किया हस्तक्षेप, तब छूटा बंधक मरीज

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लखनऊ। शासन से फटकार मिलने के बाद सक्रिय हुए स्वास्थ्य विभाग ने बिल न जमा कर ने पर बंधक बनाने की शिकायत वाले निजी अस्पताल पर तत्काल फोन करके मरीज को सरकारी अस्पताल भेजने के निर्देश दिये। इस पर निजी अस्पताल ने मरीज को बलरामपुर अस्पताल भेज दिया गया। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने घटना की जांच के आदेश दे दिये है। जबकि निजी अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बंधक बनाने की बात गलत है।

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स्वास्थ्य विभाग को मिली जानकारी के अनुसार त्रिवेणी नगर तृतीय साठ फिटा रोड स्थित सनराइज हास्पिटल में तीमारदारों को आठ घंटे में बना 20 हजार रुपए का बिल थमा कर जल्द जमा करने को कहा। गरीब मरीज के तीमारदारों ने बिल भुगतान में असमर्थता जताई तो उसे बंधक बना लिया। मामले की शिकायत शासन, स्वास्थ्य मंत्री व सीएमओ कार्यालय तक पहुंच गयी । सीएमओ कार्यालय से तत्काल अस्पताल संचालक ने मरीज को छोड़ने के सख्त निर्देश दिये गये। सीतापुर का रहने वाला मरीज गनकू (55) एक्सीडेंट में घायल हो गया था। तीमारदार रामकुमार मरीज को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर बृहस्पतिवार रात लाए थे। जहां डॉक्टरों ने बिस्तर खाली न होने पर भर्ती नहीं किया।

तीमारदार ट्रॉमा गेट पर खड़े थे तभी निजी एंबुलेंस चालक मरीज का सस्ता आैर बेहतर इलाज का दावा करते हुए त्रिवेणी नगर साठ फिट रोड स्थित सनराइज हास्पिटल रात 11 बजे लाकर भर्ती करा दिया। जहां पर अस्पताल के डाक्टरों ने इलाज शुरू किया। करीब आठ घंटे इलाज के बाद तीमारदारों को बेड चार्ज व प्लास्टर चढ़ाने का लगभग 20 हजार रुपए का बिल थमा दिया। तीमारदारों ने ज्यादा बिल बताते हुए इलाज कराने में असमर्थता जताई तो बिल भुगतान करने बाद ही मरीज को ले जाने को कहा। इस पर तीमारदारों ने कुल जमा पांच हजार रुपए अस्पताल प्रशासन को देकर मरीज भेजने के लिए कहा। तीमारदारों का आरोप है करीब चार घंटे तक मरीज को अस्पताल में बंधक बनाए रखा गया। अस्पताल संचालक बिना बिल भुगतान मरीज को छोड़ने को तैयार नहीं थे। वही से किसी ने मामले की शिकायत शासन, स्वास्थ्य मंत्री व सीएमओ से कर दिया।

स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय व शासन से फोन आने पर सीएमओ कार्यालय में हड़कम्प मच गया। तत्काल सीएमओ कार्यालय से निजी अस्पताल संचालक को कॉल किया गया, तो वहां पर अफरा-तफरी मच गयी। आनन फानन में मरीज को एंबुलेंस में लादकर बलरामपुर अस्पताल भेज दिया गया। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि मामले की जांच के निर्देश दे दिये गये है। अस्पताल संचालक डॉ. अदनान सफाई देने शुक्रवार शाम पहुंचे। जहां सीएमओ से मरीज को बंधक न बनाए जाने की सफाई दी। फिलहाल सीएमओ ने जांच कराने की बात कहकर संचालक को वापस कर दिया। अस्पताल संचालक अदनान का कहना है कि एम्बुलेंस से मरीज को भेजा, तो वह जा नहीं रहा था। किसी मरीज को बंधन नहीं बनाया गया।

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