लखनऊ – ड्रग एंड कॉस्मेटिक रूल्स 1945 के सिड्यूल K की धारा 23 में भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित संसोधन के विरोध में इंडियन फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर आज देश भर के फार्मेसिस्ट जंतर मंतर पर एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन कर संसद मार्च किया और शासन द्वारा आमंत्रित किये जाने पर स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन दिया । प्रदर्शन में सभी राज्यों, केंद्र सरकार , निजी क्षेत्रों में कार्यरत फार्मेसिस्टों के साथ उत्तर प्रदेश के हजारों फार्मेसिस्टों ने प्रदर्शन में भागीदारी की ।
आइपीए के प्रदेश सचिव एवं राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा किये जा रहे इस प्रस्तावित संसोधन के बाद आशा, ए एन एम और आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को भी ग्रामीण क्षेत्रो और वेलनेस केंद्रों में चिकित्सालयों के कार्यक्रमो की औषधियां वितरित कर सकेंगी , जो जनता के लिए जहर का काम करेगा । इसलिए जनता के हितों को ध्यान में रखकर आइपीए ने इस आंदोलन का आह्वान किया था ।
फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 के अनुसार केवल रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट ही औषधि का भंडारण वितरण कर सकता है,और इस संसोधन में दर्ज ए एन एम, आशा, आंगनबाड़ी, नर्स, cho आदि कोई भी कर्मी फार्मेसिस्ट की योग्यता नही रखता । पूर्व से शिड्यूल K की धारा 23 में केवल राष्ट्रीय कार्यक्रम की औषधियां शामिल थीं लेकिन अगर ये संसोधन हुआ तो अप्रशिक्षित एवं अयोग्य लोगो द्वारा वेलनेस सेंटर पर भी जनता को औषधि उपलब्ध कराई जाएगी जो जानलेवा साबित हो सकती है । अतः यह प्रस्ताव स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है और लोगों के जीवन के लिए खतरनाक है,
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रांतीय महामंत्री भूपेंद्र कोसमा ने कहा कि अगर सरकार नही मानती तो अगले गंभीर आंदोलन की घोषणा की जाएगी ।
फेडरेशन ऑफ इंडियन फार्मेसिस्ट एसोसिएशन फीपो के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के सचान ने सबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार ने संसोधन का ड्राफ्ट 6 नवम्बर को जारी कर सुझाव मांगे हैं , प्रथम चरण में देश भर से इस प्रस्तावित संसोधन के विरोध में भारत सरकार को पत्र भेजे गए हैं। फीपो सचिव सुभाष श्रीवास्तव ने कहा कि देश के सभी राज्यों के फार्मेसिस्ट आंदोलन को तैयार हैं ।
डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संदीप बडोला, महामंत्री श्रवण सचान ने बताया कि प्रदेश के फार्मेसिस्ट धारा 23 को पूरी तरह समाप्त करने की मांग करते हैं । सुनील यादव ने बताया कि विरोध मार्च में फार्मेसिस्ट इम्प्लॉईस एसोसिएशन पीईए दिल्ली, फीपो, रेलवे फार्मेसिस्ट एसो, आल इंडिया गवर्नमेंट फार्मेसिस्ट एसोसिएशन, डीपीए उत्तर प्रदेश,राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ उत्तरप्रदेश, डीपीए उत्तराखंड, PGWA, Delhi, जम्मू कश्मीर फार्मेसिस्ट एसोसिएशन, AGPH हरियाणा, मध्यप्रदेश फार्मेसिस्ट एसोसिएशन, महाराष्ट्र फार्मेसी ऑफिसर एसोसिएशन, फार्मेसिस्ट महासंघ गुजरात, मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसिस्ट एसोसिएशन UPA Society तमिलनाडु , Pharmacist Munnetra Sangam, भारतीय फार्म डी डॉक्टर एसोसिएशन, फार्मेसिस्ट एसोसिएशन ऑफ आंध्रप्रदेश, झारखंड फार्मेसिस्ट संघ, ASPSA, असम, पी जी ए, राजस्थान फार्मेसिस्ट एसो, पांडिचेरी फार्मेसिस्ट एसोसिएशन का समर्थन मिला ।
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