लखनऊ। लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के दूसरे दिन ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सेवानिवृत्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पुनरीक्षित पेंशन आदि का भुगतान करने में देरी करने पर स्वास्थ्य विभाग ने बाबू को निलम्बित कर दिया। इसके साथ ही निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों के देयकों का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह को शिकायत मिली थी कि स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद से सेवानिवृत्त साजिदा बेगम के भुगतान करने में स्वास्थ्य विभाग का लिपिक ज्ञानेन्द्र प्रताप ढिलवाई बरत रहा है। बीमार साजिदा कई बार स्वास्थ्य विभाग के बाबू की अनसुनी की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर चुकी थीं । परन्तु इस बाबू पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। स्वास्थ्य मंत्री ने शिकायत मिलने पर निदेशक प्रशासन डा.पूजा पाण्डेय से मामले की जांच शुरू करा दी थी। जांच में पाया गया कि उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी नगरीय कार्यालय में तैनात कनिष्ठ सहायक ज्ञानेन्द्र प्रताप पेंशन निर्धारण व बिल भुगतान के मामले को जान-बूझकर लटका रहा है।
जांच में गड़बड़ी मिलने पर निदेशक प्रशासन डा.पूजा पाण्डेय ने शुक्रवार को मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी लिपिक ज्ञानेन्द्र प्रताप को निलम्बित कर दिया। बताते है कि सूत्रों स्वास्थ्य मंत्री लम्बे समय से एक ही पद पर जमे बाबू व अधिकारियों के रवैये से नाराज हैं।
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