लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर की चौथी मंजिल से मां ने अपने शिशु की बीमारी से तंग आकर मंगलवार को नीचे फेंक दिया। काफी देर तक वह शिशु के खोने जाने का नाटक करती लगी और फिर अचानक हंगामा करने लगी। इससे शिशु के तलाश शुरू की गयी तो गार्ड ने वह ट्रामा सेंटर के पीछे की ओर शिशु गिरा मिला। शिशु की गायब होने की जानकारी के लिए जब ट्रामा सेंटर के सीसी फुटेज को देखा, तब मां का असली चेहरा सामने आया। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। डाक्टरों के अनुसार शिशु को मेटाबॉलिक डिशआर्डर से पीडि़त था। जिसके तहत उसका जन्म से वजन नहीं बढ़ रहा था, लेकिन यहां पर इलाज के बाद शिशु की हालत में सुधार होने लगा था।
कुशीनगर निवासी शांति पत्नी राजन सिंह ने 23 अप्रैल को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चे को जन्म दिया। जन्म से ही मेटाबॉलिक डिशआर्डर से पीडि़त था। इससे शिशु का वजन नहीं बढ़ रहा था आैर लिवर में भी दिक्कत थी और इसी बीच उसे पीलिया भी हो गया, जिसके चलते शिशु को परिजन 26 मई को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर इलाज के लिए लाये। तब से यहां शिशु का लगातार इलाज चल रहा था। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह पति और देवर ट्रामा सेंटर के बाहर सो रहे थे। इस बीच सुबह महिला ने ट्रॉमा सेंटर की चौथी मंजिल से अपने चार माह के शिशु को बाथरुम की खिड़की नीचे फेंक दिया। इसके बाद बाहर आकर शिशु के गायब होने की झूठी कहानी गढ़ते हुए शोर-मचाना शुरु कर दिया।
इसी बीच शिशु के गायब होने की सूचना पर तलाश करने के दौरान उसका शव बरामद कर लिया गया। शिशु को चुराने वाले की जानकारी के लिए ट्रामा सेंटर की सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो सब चौक पड़े कि मां ने ही शिशु को खिड़की से बाहर फेंक कर खोने का नाटक कर रही थी। इसके बाद चौक पुलिस को सूचना दे दी गयी। मां के द्वारा खुद अपने शिशु को मारना सुन सब आश्चर्यचकित थे। केजीएमयू प्रवक्ता डा. संदीप तिवारी ने बताया कि मेटाबालिक डिशआर्डर से पीड़ित शिशु का केजीएमयू में इलाज के बाद सुधार आना भी शुरू हो गया था, लेकिन अचानक उसकी मां क्या हो गया कि उसे मार दिया। हालांकि चार महीने के शिशु की जान लेने वाली मां को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है।
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