लखनऊ। कंधे में एक्सीडेंटल अन्य कारणों से अक्सर दर्द बना रहता है और हाथ ऊपर की ओर नही उठ पाता हैं। ऐसे में विशेषज्ञ डाक्टर परामर्श से इलाज कराना चाहिए। अगर सर्जरी करानी पड़े, तो नयी तकनीक आर्थोस्कोपिक सर्जरी से मरीज की जल्दी रिकवरी हो जाती है। विशेषज्ञ डाक्टरों ने कंधे का ट्रामा, फ्रेक्चर व प्रत्यारोपण विषय पर नयी तकनीक की जानकारी रविवार को यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन के तत्वाधान में लखनऊ ऑर्थोपेडिक सोसायटी व ऑर्थोपेडिक ओर से निराला नगर में आयोजित चिकित्सा गोष्ठी में दी। कार्यक्रम में 150 विशेषज्ञ डाक्टरों ने भाग लिया। इसके अलावा देश भर से काफी संख्या में डाक्टर वर्चुअली में जुड़े।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि केजीएमयू कुलपति ले.क.प्रो विपिन पुरी किया। उन्होंने कहा कि इस तरह आयोजन से क्लीनिकल अपडेट की जानकारी मिलती है, जिसकी मदद से मरीजों को नयी तकनीक से बेहतर इलाज करने में मदद मिलती है।
केजीएमयू में स्पोर्टस मेडिसिन विभाग के प्रमुख व आर्थोस्कोपिक विशेषज्ञ प्रो. डा. आशीष कुमार ने बताया कि अक्सर कंधे में इंजरी होने या फैक्चर होने पर मरीजों के हाथ अक्सर ऊपर नहीं उठ पाते है। लगातार कंधे में भी दर्द बना रहता है। ऐसे में दूरबीन तकनीक विधि से सर्जरी करते हुए कंधे में विशेष स्थान पर फिलॉस्प प्लेट लगा दी जाती है। लॉकिंग कंप्रेशन प्लेट होने के कारण मरीज के हाथ उठने लगते हैं और पेन भी नहीं होता है। उन्होंने बताया कि फुटबाल या अन्य खिलाड़ियों का कंधा अक्सर डिस्लोकेट हो जाता है। इसके अलावा आम भाषा में कंधा बार-बार उतरते की शिकायत भी होती है। इसमें आर्थोस्कोपी सर्जरी से मरीज को आराम मिल जाता है। आर्थो सर्जन व प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डा. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि लगातार बने रहने वाले कंधे के दर्द में या फ्रोजन शोल्डर के लक्षण दिखने पर जांच कराने के बाद आर्थोस्पोपिक सर्जरी से ठीक कि या जा सकता है। इस अत्याधुनिक तकनीक से मरीज जल्द ठीक हो जाता है आैर सामान्य काम काज करने लगता है। उन्होंने बताया कि कंधे के जाम होने, दर्द बना रहना या एक्सीडेंट के दिक्कत होने पर आर्थोसर्जन से परामर्श ले चाहिए। जल्द सही इलाज से कंधे के आंतरिक क्षेत्र में मांसपेशियों के ऊतक को डेमेज होने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा रोटेटर कफ इंजरी को भी लेप्रोस्कोपिक तकनीक से ठीक किया जा सकता है। डा. उत्तम गर्ग ने बताया कि अत्याधुनिक रिवर्स सोल्डर आर्थोप्लास्टी तकनीक का प्रयोग से कंधे की इंजरी को कम समय में जल्द ठीक किया जा सकता है। इसमें बॉल की जगह कप व कप की जगह बॉल लगा दिया जाता है। इससे मांशपेशियां फिर से सक्रिय हो जाती हैं और मरीज का हाथ काम करने लगता है। कंधे का दर्द ठीक हो जाता है। इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिशन के उपाध्यक्ष डा. अतुल श्रीवास्तव, यूपी ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष, डा. संजय धवन, सचिव डा.अनूप अग्रवाल, डा.संजय देसाई, डा.दीपक भाटिया , डा.जितेंद्र माहेश्वरी ( दिल्ली), डा.राजीव रमन (कोलकाता), डा.सुधीर कपूर( दिल्ली) इत्यादि ने अपने विचार व्यक्त किए।