अगले पांच वर्ष में खत्म हो जाएगी डॉक्टरों की कमी : मुख्यमंत्री

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की दिशा में तेजी के साथ बढ़ रहा है। पहली बार केंद्र और राज्य सरकार पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्रवाई को बढ़ा रही है। आने वाले अगले 5 से 7 वर्ष में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हम एक जिला एक मेडिकल की कॉलेज की तरफ बढ़ चुके हैं। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन और नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इं इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोहिया संस्थान में चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के वाले प्रोफेसर,असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर जेआर को मेडल-सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नये मेडिकल कालेजों में चिकित्सा शिक्षा में अध्ययन कार्य शुरू हो रहा है। इससे प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी को डॉक्टर मिलेंगे। इसके साथ ही आरएमएल, एसजीपीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य संस्थानों को अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक मिल सकेंगे।
उन्होंने कहा कि लोहिया संस्थान उत्तर भारत में चिकित्सा स्वास्थ्य का बेहतरीन केंद्र बनकर उभर रहा है। यह संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ी सिटी है।

यहां लगभग 70 लाख की आबादी निवास करती है। आरएमएल की पहचान पूर्वी उत्तर प्रदेश के गेटवे के रूप में होती है। यह अस्पताल से बढ़ करके 1300 बेड के बड़े संस्थान के रूप में विकसित हो करके सबके सामने है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है, जहां 5 करोड़ 11 लाख से अधिक आयुष्मान भारत के गोल्डन कार्ड जारी किये जा चुके हैं। यूनियन कैबिनेट ने 70 वर्ष से ऊपर के हर एक व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड का लाभ देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष से 7 वर्ष पहले इसके बारे में कोई सोच नहीं सकता था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से बिना भेदभाव के इलाज के लिए पैसे दिये जा रहे हैं।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह, प्रो. अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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