लखनऊ | श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उर्दू के अज़ीम शायर व नाज़िम पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी द्धारा देवनागरी लिपि (हिंदी) में रचित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता का ऑडियो वर्जन आज यूट्यूब पर रिलीज़ होगा l हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल की परिकल्पना के तहत भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने आवाज़ और संगीत विवेक प्रकाश ने दिया है l ऑडियो वर्जन ट्रस्ट के यूट्यूब चैनल youtube.com/c/HelpUTrust पर रिलीज़ किया जायेगा l जिसमें भगवद्गीता के 18 अध्याय के 18 ट्रैक हैं और सम्पूर्ण संस्करण 452 मिनट का है l साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीय सौहार्द के संवर्धन एवं उत्थान के दृष्टिगत ट्रस्ट ने इसे निःशुल्क उपलब्ध कराया है l ट्रैक के प्रारम्भ में अनवर जलालपुरी के स्वर में प्रत्येक अध्याय का संक्षिप्त विवरण है तथा भगवद्गीता के 700 श्लोक जिन्हें अनवर जलालपुरी ने उर्दू शायरी के 1761 अशआर में भावान्तरित किया है को भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने शब्द ब शब्द अपनी आवाज़ में प्रस्तुत किया है l
इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भावनाएं प्रकट करते हुवे कहा की- ‘हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट’ के माध्यम से श्री अनवर जलालपुरी द्धारा रचित ‘उर्दू शायरी में गीता’ के श्रव्य संस्करण तैयार किए जाने के बारे में जानकार प्रसन्नता हुई है l श्री अनूप जलोटा जी के स्वर से सजने वाला यह संस्करण निश्चय ही कर्णप्रिय और मनोहारी होगा l मुझे आशा है कि ‘उर्दू शायरी में गीता’ के श्रव्य संस्करण से अधिकाधिक लोगों तक इसके अमृत वचनों का प्रसार होगा l इस महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े सभी लोगों को बधाई और इसकी सफलता के लिए शुभकामनाएं l
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है भगवद्गीता को शायरी में लाना एक बहुत बड़ा काम है l आज के परिवेश में समाज में, गीता पढ़ के आदमी साहसी बनता है l जिन लोगों का मनोबल कम हो जाता है गीता उन्हें शक्ति प्रदान करती है l गीता ने समाज को रास्ता दिखाया है l जितनी बार गीता पढ़ी जाती है उतनी ही अच्छी लगती है l जहाँ गीता को अनवर जलालपुरी ने अपनी शायरी के अंदाज़ में पेश किया और सबसे बड़ी बात ये है कि बहुत ही साधारण शब्दों में उन्होनें इस बात को रखा है l यह आम जनता तक पहुंचने का काम करेगी l कहीं न कहीं समाज को एक दिशा देने का काम करेगी l समाज को जोड़ने का काम करेगी l
डॉ० दिनेश शर्मा का विचार है गीता का उपदेश संस्कृत भाषा में था, जैसे रामायण का अनुवाद गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया है l मैं समझता हूँ अनवर जलालपुरी साहब आज के युग के तुलसीदास जी के रूप का प्रतिरूप हैं कि उन्होनें सरल भाषा में उर्दू शायरी में गीता पुस्तक का यहाँ अनुमोदन किया l एक व्यक्ति कर्मयोगी बने इसके लिये गीता के उपदेश में तमाम श्लोकों का वर्णन जलालपुरी साहब ने अपने शब्दों में किया है और वह साधुवाद के पात्र हैं l गीता और कुरान, अली और बजरंगबली का समन्वय इन शब्दों के रूप में इस लेखनी के माध्यम से संभव हो सके यही मेरी शुभकामनाएं हैं l
महाकवि डॉ० गोपाल दास ‘नीरज’ के शब्दों में मैनें गीता के हिन्दी व अंग्रेजी भाषाओं के कई अनुवाद पढ़े हैं लेकिन जैसा अनुवाद अनवर जलालपुरी ने किया है वैसा मुझे अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिला l उर्दू शायरी में गीता इतनी बोधगम्य सहज और सरल है जो होठों पर तुरंत बैठ जाती है l सबसे बड़ी सार्थकता गीता की यही होगी कि वो किताब में ही न होकर लोगों की ज़ुबान पर भी हो, जिसे वो गायेंगे भी गुनगुनायेंगे भी l
योगगुरु स्वामी रामदेव कहते हैं पुस्तक के कुछ अंश पढ़ने पर मुझे बहुत खुशी हुई l मरहूम शायर ने लिखा है कि ‘गीता क़दीम हिन्दुस्तान कि बेइंतिहा मक़बूल किताब है l सारे हिन्दुस्तान के आवाम पर इसके फलसफे का बड़ा गहरा असर है l’ अनवर साहब ने वास्तव में भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन किया था l इस पवित्र ग्रन्थ से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होनें ‘उर्दू शायरी में गीता’ की रचना कर जीवन की जटिल समस्याओं का हल साधारण उर्दू भाषा तथा इसी पुस्तक का हिन्दी लिप्यांतरण आमजन के लिए प्रस्तुत किया था l
श्रीराम कथावाचक मोरारी बापू बताते हैं अनवर जलालपुरी ने सम्पूर्ण गीता को बेहद आकर्षक ढंग से पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है l मेरा यक़ीन है कि ‘उर्दू शायरी में गीता’ मदीना को काशी तक ले आएगी और काशी को मदीना तक ले जाएगी l यह किताब दोनों मज़हब की दूरी ख़त्म कर सकती है l ‘हम इकट्ठे होते हैं लेकिन एक नहीं होते’ l संस्कृत उर्दू में उतरे, उर्दू संस्कृत में उतरे, ये 21वीं सदी का सबूत है l
भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा कहते हैं हमने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिये गीता के उर्दू तर्जुमा के 1761 अशआर को अपनी आवाज़ दी l अक्सर तर्जुमे ऐसे होते हैं कि उनमें असल मज़मून के मानी नहीं आ पाते हैं लेकिन अनवर जलालपुरी ने जो तर्जुमा किया उसमें ऐसी कमी ज़रा भी नहीं थी इसीलिए हमने उसे रिकॉर्ड किया l मुझे उम्मीद है कि शायरी में श्रीमद्भगवद्गीता की संगीतमय प्रस्तुति हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी l युवा भी इससे जुड़ा हुआ महसूस करेंगे l
वयोवृद्ध कवि उदय प्रताप सिंह का कहना है गीता का दार्शनिक पक्ष जन सुलभ शैली में जन साधारण को उपलब्ध कराना काम कठिन ज़रूर है पवित्र भी है और आवश्यक भी l गीता का मूल संदेश कर्म करो फल की चिंता मत करो l संसार से दूर का लगाव रखना, सुख दुख में एक सा व्यवहार तथा आत्मा की अजरता, अमरता की प्रकृति से भौतिक शरीर की नश्वरता से तुलना अनवर जलालपुरी साहब ने अपने शेरों में बड़े कौशल से ढाल कर उर्दू शायरी में गीता में प्रस्तुत की है l
कुमार विश्वास कहते हैं उर्दू शायरी गीता में, गीता के विशद ज्ञान को अपनी सारगर्भित शायरी में बेहद सलीक़े से ढालने का काम बड़े भाई मरहूम अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l क़ौमी यकजहती के एक सशक्त शाब्दिक-सिपाही, अज़ीम शायर व नाज़िम थे अनवर जलालपुरी l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल का कहना है कि अनवर जलालपुरी जी ने भगवद्गीता के 18 अध्यायों के सभी 700 श्लोकों को 1761 अशआर में उर्दू काव्य में अनुवाद किया l साम्प्रदायिक एवं मानवजातीय सौहार्द तथा राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति जलालपुरी जी के सुझाव एवं प्रेरणा को देखते हुए यह पहल वास्तव में उत्कृष्ट है l जलालपुरी जी का यह मत रहा है कि गीता आदमी को इंसान बनाती है, “गीता, उपनिषद और क़ुरान ‘मानव विरासत’ से किसी भी प्रकार से कमतर नहीं है तथा इन्हें हर क़ीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए तथा धर्म का लिहाज़ किये बिना गीता में अन्तर्निहित संदेश को समस्त मानवजाति के बीच प्रसारित करने की महती आवश्यकता है l”
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