श्रीमद्भागवत कथा: भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का संगम
प्रयागराज। तीर्थराज प्रयागराज की पावन भूमि पर सेक्टर 16 संत सेवा शिविर में महाकुंभ के अवसर पर श्री मद भगवद फ़ाउण्डेशन ट्रस्ट एवं नारायण बाल विद्या मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में संगीतमयी श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा का भव्य आयोजन हो रहा है।
इस दिव्य अवसर पर परम पूज्य डॉ. श्यामसुंदर पाराशर जी के कृपापात्र, प्रख्यात कथा वाचक डॉ. कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा का अमृत वर्षा किया। उन्होंने प्रवचन के दौरान बताया कि जिस प्रकार संगम में स्नान कर श्रद्धालु पुण्य अर्जित करते हैं, उसी प्रकार श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना मानसिक और आत्मिक शुद्धि का श्रेष्ठतम उपाय है।
भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का संदेश
डॉ. शास्त्री जी ने कहा कि जैसे गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र है, वैसे ही भागवत कथा में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का त्रिवेणी संगम मिलता है। उन्होंने बताया कि जो भी इस कथा का श्रवण करता है, वह अपने जीवन में पवित्रता, आध्यात्मिक जागरण और संसार से विरक्ति को सहज ही प्राप्त कर सकता है।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
महायज्ञ में हजारों श्रद्धालु भाग लेकर कथा का रसपान कर रहे हैं। संगम तट पर हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण कर अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं। यज्ञाचार्य पंडित अतुल शास्त्री, सूरज दास, मुख्य यजमान जगदीश यादव सहित अनेक श्रद्धालु इस कथा में मौजूद हैं।
मुख्य यजमान जगदीश यादव ने बताया कि यह हमारे लिए परम सौभाग्य की बात है कि तीर्थराज प्रयाग की पावन भूमि पर इस दिव्य कथा का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि कथा के माध्यम से हमें धर्म, कर्म और मोक्ष के गूढ़ रहस्यों को जानने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
श्रीमद्भागवत: जीवन का परम मार्गदर्शक
डॉ. कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, बल्कि जीवन का परम मार्गदर्शक है। यह हमें धर्म, भक्ति और निष्काम कर्म की राह दिखाता है। उन्होंने बताया कि जब-जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि किसी न किसी रूप में अवतरित होकर धर्म की पुनः स्थापना करते हैं।
संगम तट पर श्रीमद्भागवत कथा का प्रभाव भक्तों के हृदय में गहरी छाप छोड़ रहा है। श्रद्धालुओं ने कहा कि यह कथा उनके जीवन में आध्यात्मिक परिवर्तन ला रही है और उन्हें सच्चे धर्म, भक्ति एवं ईश्वर की कृपा का अनुभव हो रहा है।
श्रद्धालुओं का योगदान,इस दिव्य अवसर पर चंद्रभान मिश्रा, नीरज तिवारी, जयचंद कुशवाहा, प्रमोद सिंह, अजीत यादव सहित कई श्रद्धालु कथा की सेवा में तन-मन-धन से योगदान दे रहे हैं।
इस प्रकार, त्रिवेणी संगम की पावन धरा पर आयोजित यह श्रीमद्भागवत कथा, भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अनुपम संगम बनकर, श्रद्धालुओं के हृदय को निर्मल कर रही है और उन्हें ईश्वरीय आशीर्वाद प्रदान कर रही है।