लखनऊ। अगर लगातार सिर दर्द बना रहता हो आैर सामान्य दवा लेने पर भी कम न हो रहा हो। इसके साथ ही चक्कर आना, अंाखों के सामने अधेंरा छा जाना जैसे समस्याओं से ग्रस्त तो इसे मामूली समझ कर अनदेखी न करे। बल्कि इसे गंभीरता ले आैर विशेषज्ञों से परामर्श लिया जाना चाहिए। यह जानकारी आईएमए भवन में आयोजित डा. अजय नंद झा ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सीजीपी चैप्टर लखनऊ, मेंदान्ता दी मेडिसिटी हास्पिटल गुड़गांव के सयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय मस्तिष्क रोग पर आयोजित कार्यशाला में दी। कार्यशाला में डा. गौरव गोयल ने भी नयी तकनीक के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में डा, पीके गुप्ता तथा डा. जिलेदार रावत भी मौजूद थे।
कलर को पहचानने में दिक्कत होती है –
कार्यशाला में डा. झा ने बताया कि मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां ब्रोन स्ट्रोक, ब्रोन हेमरेज, ब्रोन ट¬ूमर, लकवा के बारे में सही जानकारी के अभाव में अक्सर सही इलाज नहीं हो पाता है। डा. झा ने बताया कि मिर्गी के दौरे के समान ही झटके आते हो आैर अक्सर बेहोशी आती हो। इसके अलावा हाथ पैर में एेंठन का महसूस होती हो, ज्यादा कमजोरी का अहसास होता हो, लम्बे समय तक उच्च रक्त चाप का बना रहता हो। इसके अलावा कलर को पहचानने में दिक्कत होती होती हो तो तत्काल न्यूरो विशेषज्ञ से परामर्श लेनी चाहिए।
डा. झा ने कहा कि पहले यह जांच होना ही मुश्किल होती थी। अब छोटे से टेस्ट से उसकी गंभीरता पता चल जाती है। आईएमए लखनऊ चैप्टर के सचिव डा. जेडी रावत ने कहा कि बेहद सस्ती तकनीक एवं उपचार प्रणाली का विकास होने से गरीब भी इसका लाभ उठा सकते है। कार्यशाला में अन्य विशेषज्ञ डाक्टर भी मौजूद थे।