लखनऊ। विश्व स्वास्थ संगठन रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष लगभग 10 लाख लोग मच्छर जनित बीमारियों के कारण मर जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी में लगातार हो रही वृद्धि से मच्छरों का प्रकोप भी तेजी से बढ़ा है। अगर आंकड़ों की माने तो पिछले 30 सालों में डेंगू के मामलों में 30 गुना तक इजाफा हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2050 तक आधी दुनिया मच्छर जनित बीमारियों के हाई रिस्क पर हो सकती है। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो मलेरिया सबसे ज्यादा भारत के लोगों को अपनी चपेट में लेता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मच्छर जनित बीमारियों में बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश महाराष्ट्र असम गोवा कर्नाटक गुजरात केरल उड़ीसा तमिलनाडु पश्चिम बंगाल चपेट में रहते हैं। लगातार शोधों पता चला है कि मच्छर कीटनाशकों के खिलाफ लगातार ताकतवर होते जा रहे हैं। सभी ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर लिया है, यही नहीं पहले की तुलना में ज्यादा डेंजर होते जा रहे हैं। पर दवाओं का प्रभाव भी कम होने लगा है। यह भी देखा गया है पहले मच्छर 1000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में नहीं पाए जाते थे। अब तापमान बढ़ने के कारण यह मच्छर कोलंबिया के ऊंची पर्वतों की चोटियों पर भी ऐसा ही आसानी से पाए जाने लगे हैं।