लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध चार मेडिकल कालेजों एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के 41 में 37 मेडिकोज पूरक(सप्लीमेंट्री) परीक्षा में फेल हो गये है। सर्जरी विभाग की प्रमुख परीक्षा में फेल होने के बाद मेडिकोज सप्लीमेंट्री परीक्षा में शामिल हुए थे। फेल होने के बाद यह मेडिकोज पीजी नीट की काउंसलिंग का मानक पूरा नहीं सकेंगे। 37 फेल मेडिकोज ने दोबारा मूल्याकंन करने की मांग की है।
केजीएमयू प्रवक्ता डा. संतोष कुमार का कहना है कि दोबारा मूल्यांकन की व्यवस्था ही नहीं है। मेडिकोज दोबारा स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकते है।
बताते चले कि अटल बिहारी बाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय से जुड़ने से पहले प्रदेश के कई मेडिकल कालेज केजीएमयू से सम्बद्ध थे। इन मेडिकल कालेजों के रिजल्ट केजीएमयू ही जारी करता था। वर्तमान में वर्ष 2017 या इससे पहले प्रवेश पा चुके मेडिकोज की परीक्षा केजीएमयू ही करा रहा है। केजीएमयू प्रशासन ने एमबीबीएस अंतिम वर्ष की सप्लीमेट्री परीक्षा का रिजल्ट जून के प्रथम सप्ताह में जारी किया गया। इसमें सर्जरी विभाग के कुल 41 मेडिकोज शामिल हुए।
41 मेडिकोज में लोहिया संस्थान, जालौन, कन्नौज, बांदा, राजकीय मेडिकल कालेज, प्रयाग राज एमएलएनएम सी मेडिकल कालेज के मेडिकोज शामिल हुए। जब रिजल्ट निकला तो 41 में37 मेडिकोज फेल थे। रिजल्ट घोषित होने के बाद मेडिकोज में निराशा व्याप्त हो गयी है। वह प्रशासनिक अधिकारियों के पास परिक्रमा कर रहे है। मेडिकोज ने परीक्षा को पुर्नमूल्याकंन कराने की मांग की है।