लखनऊ। स्टेम सेल का प्रयोग जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी करने में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। अपने ही स्टेम के प्रयोग से अंगों के पुर्ननिर्माण में मदद मिल सकती है। हो रहे प्रयोगों में सफलता मिलने भी लगी है , पर इस प्रक्रिया को अंजाम देने में अभी वर्षो लग सकते है। यह जानकारी चंडीगढ़ पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. रमेश ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी द्वारा आयोजित गोष्ठी में दी।
प्रत्यारोपण की सफलता विशेषज्ञ डाक्टर पर ही निर्भर करता है –
केजीएमयू के सेल्बी हाल में आयोजित गोष्ठी में उन्होंने कहा कि स्टेम सेल के प्रयोग से गंभीर रोगों का इलाज किया जा रहा है। ऐसे ही जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी में भी इसका प्रयोग होने लगेगा। कान, नाक व अन्य अंगों का भी निर्माण होने लगेगा, जो कि वास्तविक लगेंगे। हेयर प्रत्यारोपण में सबसे ज्यादा प्रत्यारोपण की सफलता विशेषज्ञ डाक्टर पर ही निर्भर करता है।
उन्होंने बताया कि सिर में पीछे के बाल कम झड़ते है। यहाँ से बाल लेकर प्रत्यारोपण के लिए सबसे ज्यादा लिए जाते है। उन्होंने बताया कि हेयर प्रत्यारोपण करने में अाठ से नौ घंटे का समय लगता है। इसके लिए विशेषज्ञ डाक्टर व उसकी टीम पर सफलता निर्भर करती है।
डा. रमेश ने बताया कि अगर लाइपोसेक्शन कराने के बाद फिट रहने के लिए अगर खानपान पर ध्यान नहीं दिया तो फिर मोटापा बढ़ने लगेगा।
प्लास्टिक सर्जरी लगातार विकसित हो रही है –
उन्होंने बताया बर्तमान में लोग सबसे ज्यादा राइनोप्लास्टी होती है। चेहरा प्रत्यारोपण भी आने वाले वक्त में होने लगेगा। अब महिलाएं ब्रोस्ट के साइज को छोटा व सुडौल कराने के लिए आने लगी है। इसके अलावा गाल पर डिम्पल भी बनवाने लगी है। केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. एके सिंह ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी में लगातार विकसित हो रही है। उन्होंने बताया कि नयी तकनीक से एक्सीडेंटल मरीजों को जीवनदान मिलने लगा है। गोष्ठी में डा. विजय कुमार व अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।