लखनऊ – स्टेम सेल थेरेपी से अब ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का इलाज करने का दावा किया गया है। आप ने देखा होगा कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे दिखने में तो सामान्य जैसे होते हैं, लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। उनका दिमाग सामान्य बच्चों की तरह नहीं होता है। उनमें सोचने समझने की ताकत कम होने के साथ ही नजर मिलाकर बात नहीं कर पाते हैं। ऐसे बच्चों का इलाज अलग- अलग तकनीक से अब तक किया जा रहा था। यह जानकारी मुम्बई के न्यूरोजेन ब्रोन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट की उप निदेशक डा. नंदिनी गोकुलचंद्रन ने को पत्रकारों को जानकारी दी।
स्टेम सेल थेरेपी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसमें बच्चे की स्पाइन से बोन मैरो निकालते हैं। प्रक्रिया के बाद बोन मैरो से स्टेम सेल निकालते हैं। फिर उसे बच्चे की रीढ़ की हड्डी में इंजेक्शन के माध्यम से प्रत्यारोपित कर देते हैं। स्टेम सेल अविकसित व क्षतिग्रस्त दिमाग की कोशिकाओं को दुरुस्त करता है। उन्होंने एक केस के बारे में बताते हुए कहा कि सात वर्ष एक बालक पहले ठीक से बोल नहीं पाता था। स्टेम सेल थेरेपी के बाद रमन थोड़ा-थोड़ा बोलना शुरू कर दिया है। अब उसमें सोचने समझने की क्षमता भी विकसित हो रही है। मां का मोबाइल नम्बर पर याद कर लिया है। जोड़-घटाने के सवाल भी हल करने लगा है।
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