बिकरू कांड की कहानी, पुलिस की जुबानी

0
676

 

Advertisement

 

news। सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की कहानी से पर्दा उठने लगा है। सोमवार को एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने पूरे मामले की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मदद देने वाले 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एडीजी ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा बिकरू गांव से भागकर शिवली पुल के पास छुपे थे। तड़के वे शिवली नदी के पास पहुंचे और यहां से कार से
प्रभात मिश्रा के दोस्त विष्णु कश्यप के बहनोई रामजी उर्फ राधे के घर तुलसीनगर रसूलाबाद पहुंचे। 3 जुलाई 2020 की दोपहर लगभग 12:00 से 1:00 बजे के बीच रामजी उर्फ राधे अपनी मोटरसाइकिल से अमर दुबे को रसूलाबाद से करिया झाला में संजय परिहार उर्फ टिंकू की बगिया ले गया।
वहां पर संजय परिहार, अभिनव तिवारी, अर्पित मिश्रा, विक्की यादव, अमन शुक्ला और मोहन अवस्थी मौजूद थे। अमर दुबे ने उत्तम मिश्रा से रुकवाने की व्यवस्था करने के लिए कहा था। उसने अमर दुबे को अपने खेत के ट्यूबवेल वाली कोठरी में रुकवा दिया। इसके बाद रामजी और अभिनव तिवारी दो मोटरसाइकिल से तुलसी नगर रसूलाबाद लौट गए। अगले दिन शुभम पाल की ओमनी कार से विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा को औरैया बस स्टैंड तक छोड़ा गया। यहां से तीनों फरीदाबाद हरियाणा पहुंचे।

फरीदाबाद से उज्जैन पहुंचने के रास्ते की तलाश
एसटीएफ के मुताबिक फरीदाबाद से विकास दुबे महाकाल के मंदिर कैसे पहुंचा, इसकी पड़ताल की जा रही है। पुलिस को अभी इसके बारे में पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है।

Previous articleबुजुर्गो का वैक्सीनेशन कराने में 135 प्रतिशत का रिकार्ड
Next articleKGMU’s team wins

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here