Kgmuमें इतना बड़ा कांड,42 मेडिकोज निलंबित,होगा सख्त एक्शन

0
927

 

Advertisement

 

 

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एमबीबीएस मेडिकोज ने एक ऐसा कारनामा कर दिया, जो कि केजीएमयू में कभी नहीं हुअा है। केजीएमयू के मेडिसिन एसेसमेंट टेस्ट में 21 जूनियर मेडिकोज को अपने सीनियर मेडिकोज की परीक्षा देते हुए पकड़ा गया है।

 

 

 

 

 

इस  खुलासे के बाद केजीएमयू प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन -फानन में केजीएमयू प्रशासन ने परीक्षा देने वाले 21 जूनियर व 21 सीनियर मेडिकोज तत्काल प्रभाव से  क्लास और हॉस्टल दोनों से निलंबित कर दिया है। खास बात यह है कि सभी पकड़े गये जूनियर मेडिकोज मास्क लगाकर परीक्षा दे रहे थे, ताकि पहचान न हो सके। जांच के बाद आगे की सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

डीन एकेडमिक्स प्रो. उमा सिंह ने परीक्षा देने वाले वाले 21 स्टूडेंट के साथ ही उन 21 को भी निलंबित कर दिया गया है जिनके स्थान पर ये परीक्षा दे रहे थे। आठ सप्ताह तक ये क्लास और हॉस्टल दोनों से निलंबित रहेंगे। इसके साथ ही अन्य कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा।
केजीएमयू डीन एकेडमिक्स की ओर से जारी पत्र के अनुसार मेडिसिन विभाग के विभाग प्रमुख की सूचना के बाद यह एक्शन लिया गया है। मेडिसिन विभाग में सात मई को एमबीबीएस बैच 2019 फेज-3 के मेडिसिन एसेसमेंट टेस्ट का आयोजन सात मई को था। इस टेस्ट में परीक्षा तो 2019 बैच के मेडिकोज को देनी थी, पर मौके पर यह 21 मेडिकोज 2020 बैच के मिले है। इसकी जानकारी होने सन्नाटे में आये अधिकारियों ने अनुशासनात्मक समिति के साथ कुलपति और डीन समेत अन्य अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इतने बड़े प्रकरण की जानकारी होने पर सभी जिम्मेदार अधिकारी तो एक बार को यकीन नही कर पाये। एक-दो नहीं बल्कि 21 जूनियर मेडिकोज एक साथ बैठकर अपने सीनियर की परीक्षा दे रहे थे। बताया जाता है कि इस प्रकरण का खुलासा तब हुआ, जब मास्क लगाकर दे रहे कुछ मेडिकोज परीक्षा के दौरान ड्यूटी कर रहे चिकित्सक शिक्षक ने पहचान लिया। उनको जानकारी थी कि परीक्षा देने वाले कुछ मेडिकोज जूनियर बैच के भी हैं। दो चार मेडिकोज को जब इस तरह पकड़ा गया आैर उनसे पूछताछ की गई। तब खुलासा होने पर कि एक दो नहीं बल्कि 21 जूनियर मेडिकोज की जानकारी मिलने पर चिकित्सक शिक्षक के पैरो तले जमीन सरक गयी। केजीएमयू में भले ही अब रैगिंग का जोर कम हो गया हो, परन्तु सीनियर के प्रेशर में जूनियर मेडिकोज रहते है। दबाव में आकर ही वे परीक्षा में शामिल होने के लिए तैयार हो गये, जबकि उनको पता था कि यह पकड़े जाने पर क्राइम के दायरे में भी आ सकते है। इस मामले में एफआईआर दर्ज करायी जा सकती है।

Previous article5वीं बार महेश प्रसाद अध्यक्ष, संतोष जोहरी मंत्री चयनित
Next articleडायबिटिक रैटिनोपैथी में आंख में लगेगा इंजेक्शन, लेकिन दर्द होगा नहीं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here