युवाओं में नशे के लिए प्रयोग हो रही चार दवाओं के उत्पादन, बिक्री व वितरण पर भी हिमाचल सरकार ने तत्काल रोक लगा दी है। इन दवाओं पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य दवा नियंत्रक की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्रदेश में सूडोफेड्रिन, इफेड्रिन, डाइफि नोक्सीलेट व बुफ्रेनोरफिन के उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इन आदेशों की अवहेलना पर सौंदर्य प्रसाधन औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 18सी के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मौजूदा समय में प्रदेश के करीब 15 उद्योगों में इन दवाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन चारों दवाओं का सबसे ज्यादा उत्पादन सिरमौर व सोलन जिला में स्थापित दवा उद्योग कर रहे थे।
बाजार में अन्य दवाएं मौजूद है –
यहां उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने नशे के लिए दवाओं के हो रहे दुरुपयोग को लेकर कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं हाल ही में राज्य सरकार ने इस दिशा में सौंदर्य प्रसाधन औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन करते हुए इस अधिनियम को और कड़ा बनाया है। बताते चले कि इन दवाओं की सिंगल डोज व फिकस्ड डोज कंबीनेशन के तौर पर नशे के आदी युवा जमकर इस्तेमाल कर रहे थे। डाक्टर इन दवाओं के सेवन की सलाह साइनस, सर्दी जुकाम, दर्द और पेट के संक्रमण में देते है। लेकिन काफी संख्या में इसका नशे के लिए दुरुपयोग कर रहे है। जबकि बाजार में अन्य दवाएं मौजूद है। राज्य दवा नियंत्रक ने बताया कि प्रदेश में सूडोफेड्रिन, इफेड्रिन, डाइफि नोक्सीलेट व बुफ्रेनोरफिन के उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। अब प्रदेश के दवा उद्योगों में इन दवाओं का निर्माण, वितरण व बिक्री नहीं की जाएगी।