लखनऊ। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने रविवार को मेरठ में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार ना रोक पाने के लिये कर्मचारियों और फार्मेसिस्ट को जिम्मेदार बताते हुये पत्रकार वार्ता में यह बयान दिया। इस बयान कर्मचारी व फार्मासिस्ट आक्रोशित हो गये है। उनका अारोप है कि किसी भी समूह को भ्रष्टाचारी बताना उस समूह के साथ अन्याय है। इस बयान के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए अन्यथा की स्थिति में कर्मचारी उनके विरुद्ध आंदोलन करेगा ।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्र ने सोमवार को कहा कि अगर किसी भी समाज का कोई एक व्यक्ति अनैतिक कार्य मे लिप्त हो तो समूह को उसके लिये जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता । स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे कर्मचारी समाज का अपमान किया है, इस बयान के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए अन्यथा की स्थिति में कर्मचारी उनके विरुद्ध आंदोलन करेगा ।
अतुल मिश्र ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने बाबुओं और फार्मेसिस्ट को भ्रष्टाचारी बताया है, जबकि विभाग में भ्रष्टाचारी ऊपर से व्याप्त है , सरकारी नीतियों में तमाम अनुपयोगी बदलाव कर स्वास्थ्य मंत्री ने खुद अस्पतालों को निजीकरण के मुहाने पर खड़ा किया है, आज अस्पतालों में रेट कॉन्ट्रैक्ट ना होने से दवाओं का अकाल बना हुआ है। सरकारी अस्पतालों के अंदर जान बूझकर प्राइवेट दवा की दुकानें खोली गई हैं, जोकि गलत हैं ।
श्री मिश्र ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को उपलब्ध कराने वाली ब्लैक लिस्टेड कम्पनी अवनी परिधि को पुनः उसको कार्य दिया गया। पीओसिटी के माध्यम से इसी सरकार में सभी पैथोलोजिकल जांच करवाई जा रही हैं, जिसमे लैब टेक्नीशियन की जगह अप्रशिक्षित लोगों को रखा गया है, जिसकी वजह से रिपोर्ट गलत आने के कारण डाक्टरों को इलाज करने में कठिनाई हो रही हैं और उन्हें बाहर की पैथोलॉजी से पुष्टि करानी पड़ रही है।
परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष एवं फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि फार्मेसिस्ट किससे नेक्सस बना सकता है।
प्रदेश की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं फार्मेसिस्ट द्वारा ही संचालित हो रही है । प्रदेश का फार्मेसिस्ट पूरे मनोयोग से जनता की सेवा में लगा है । फार्मेसिस्ट को कोई भी वित्तीय फैसले लेने का अधिकार नही है अतः फार्मेसिस्ट को भ्रष्टाचार का कारण बताकर मंत्री जी ने पूरे समाज का अपमान किया है । मंत्री के बयान से कर्मचारी आहत है , अगर स्वास्थ्य मंत्री ने अपने बयान पर माफी नही मांगी तो परिषद आंदोलन के लिये बाध्य होगा ।
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