लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य के सभी पहलुओं में कार्य करते हुए बेहतर करने की कोशिशें जारी है। मौजूदा समय में प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति ६० से कम है लेकिन कुपोषण में अधिक है जो वर्तमान बजट में भी दर्शाया गया है। राज्य सरकार ने स्कूल उपस्थिति को बढ़ावा देने और बच्चों के लिए पोषण प्रदान करने के लिए मिड-डे मील स्कीम को अपनाया। कक्षा १ से ८ में पढ़ रहे स्कूली बच्चों को गर्म भोजन प्रदान करने वाली मिड डे मील योजना सरकार द्वारा सबसे सफल पोषण कार्यक्रमों में से एक रही है।
शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, अक्षय पात्रा फाउंडेशन के उपाध्यक्ष चंचलपति दासा ने कहा कि मिड डे मील के लिए २०४८ करोड़ रुपये का आवंटन, स्कूल के बच्चों को फलों के वितरण के लिए १६७ करोड़ रुपये के खर्च द्वारा उत्तर प्रदेश के बच्चों के पोषण सूचकांक में सुधार होगा। यह २०२२ तक मिशन को बढ़ावा देगा, जिसका उद्देश्य ३८.४ से २५ प्रतिशत तक स्टंटिंग को कम करना है।
सरकार के कदम की सराहना करते हुए दासा ने आगे कहा सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्यों के अनुसार, किताबों और ड्रेसों का वितरण बच्चों को स्कूल जाने के लिए एक अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगा। हम बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत करते हैं।
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