लखनऊ। राजाजीपुरम स्थित रानीलक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में पांच दिनों चली संविदाकर्मियों की हड़ताल खत्म होने पर पटरी पर लौटी चिकित्सा व्यवस्था जानने प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह शुक्रवार पहुंचे। करीब एक घण्टे तक उन्होंने अस्पातलों के विभिन्न विभागों की व्यवस्था आैर मरीजों से इलाज का हाल जाना। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा पहुंचाना ही मुख्य उद्देश्य है।
सुबह करीब 10.40 मिनट पर स्वास्थ्य का काफिला हास्पिटल में पहुंचा का औपचारिक निरीक्षण के लिये पहुँचकर 11.50 तक हास्पिटल का जायजा लिया। सबसे पहले संविदाकर्मियों से मिलकर उनका हाल लिया और भविष्य में किसी प्रकार के कष्ट के लिए पहले उनका अवगत कराएं। हल न निकलने पर हड़ताल के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, मरीजो को किसी प्रकार दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पूरे हास्पिटल जायजा लेते हुये वार्डो में मरीजों का हाल जाना। मरीजों को मिलने वाला खाना, साफ सफाई और डाक्टरों व नर्सो की देखरेख के बारे में जानकारी हांसिल की।
पुरूष वार्ड में बेड नम्बर 26 पर भर्ती मरीज से समस्या पूछने पर बताया कि वह डायरिया से ग्रसित है जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्वच्छता पर ध्यान देने की सलाह देकर साफ पानी का इस्तेमाल करना बताया। बाल रोग वार्ड के शौचालय दुरुस्त करने के निर्देश दिये। नई बिल्डिग में पहुँचने पर नेत्र ओपीडी के सामने मरीजो की भीड देख स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा प्रबंन्धक अनुपमा यादव से डाक्टरों के विषय मे जानकारी ली। पता चला कि हास्पिटल में 28 डाक्टर में अधिकतर डाक्टर वीआईपी ड¬ूटी पर रहते हैं, जिसपर उन्होंने निर्देश दिया कि वीआईपी ड¬ूटी से ज्यादा मरीजों के इलाज की जरूरत है।